Move to Jagran APP

राजस्थानः केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर आईएएस अफसरों को नहीं भेजेगी गहलोत सरकार

Gehlot government. राजस्थान सरकार द्वारा आईएएस अफसरों को सेंट्रल डेपुटेशन की अनुमति नहीं देने के मामले को लेकर गहलोत व केंद्र सरकार के बीच टकराव बढ़ सकता है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 28 Jul 2019 05:15 PM (IST)Updated: Sun, 28 Jul 2019 05:15 PM (IST)
राजस्थानः केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर आईएएस अफसरों को नहीं भेजेगी गहलोत सरकार
राजस्थानः केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर आईएएस अफसरों को नहीं भेजेगी गहलोत सरकार

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार प्रदेश कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के (आईएएस) अफसरों को केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर नहीं भेजेगी। राज्य सरकार द्वारा आईएएस अफसरों को सेंट्रल डेपुटेशन की अनुमति नहीं देने के मामले को लेकर गहलोत सरकार और केंद्र सरकार के बीच टकराव बढ़ सकता है। गहलोत सरकार ने आईएएस अफसरों को सेंट्रल डेपुटेशन पर भेजने की मांग को सिरे से नकार दिया है। फिलहाल, राजस्थान कैडर के 19 आईएएस अफसर सेंट्रल डेपुटेशन पर हैं। राज्य सरकार इन अधिकारियों को भी वापस बुलाने पर विचार कर रही है।

loksabha election banner

कैडर रिव्यू में होगी परेशानी

केंद्रीय कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग ने अफसरों की कमी को पूरा करने के लिए राज्य सरकार से आईएएस अफसर सेंट्रल डेपुटेशन पर भेजने का अनुरोध किया था। गहलोत सरकार का कहना है कि प्रदेश में वरिष्ठ आईएएस अफसरों की कमी है। सरकारी दस्तावेज बने जनघोषणा पत्र के अहम बिंदुओं को जमीनी धरातल पर उतारने के लिए आईएएस अफसरों को केंद्र में जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकार के इस कदम से सीधे तौर पर आईएएस के कैडर रिव्यू पर असर पड़ेगा। राज्य सरकार जब 2020 में आईएएस कैडर रिव्यू कराने के लिए केंद्रीय कार्मिक व प्रशिक्षण मंत्रालय जाएगी तब समस्या आ सकती है। उस समय मंत्रालय की ओर से सवाल किया जा सकता है कि मानकों के अनुसार आईएएस अफसरों को डेपुटेशन पर क्यों नहीं भेजा जा रहा है, इसलिए प्रदेश में आईएएस अफसरों की संख्या भी क्यों बढ़ाई जाए।

आईएएस अफसरों को सेंट्रल डेपुटेशन पर नहीं भेजने का खामियाजा राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों को भुगतना पड़ सकता है। क्योंकि राज्य का कैडर स्ट्रैंथ नहीं बढ़ने से प्रमोशन के अवसर कम हो जाएंगे।

उल्लेखनीय है कि प्रत्येक पांच साल बाद राज्यों में आईएएस अफसरों का कैडर रिव्यू किया जाता है। इसका सीधा फायदा राजस्थान प्रशासनिक सेवा में प्रमोट होने वाले अफसरों को होता है। गहलोत सरकार ने पिछले दिनों सेंट्रल डेपुटेशन पर जाने के इच्छुक एक दर्जन से अधिक भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसरों के आवेदन को हरी झंडी नहीं दी थी। कई अफसर तो डेपुटेशन पर जाने के लिए इसलिए आवेदन नहीं कर पा रहे है कि राज्य सरकार की ओर से उन्हें अनुमति नहीं मिल पाएगी। 

राजस्थान की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.