Rajasthan Political Crisis: सचिन पायलट की जेड श्रेणी की सुरक्षा हटाने की तैयारी में गहलोत सरकार
Rajasthan Political Crisis मुख्यमंत्री सचिवालय ने गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय से आला अधिकारियों को तलब कर पायलट की जेड श्रेणी की सुरक्षा वापस लेने को लेकर चर्चा की ।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान सरकार में उप मुख्यमंत्री पद से बर्खास्त किए गए सचिन पायलट की जेड श्रेणी की सुरक्षा वापस लेने के साथ ही जयपुर के सिविल लाइंस स्थित बड़े सरकारी आवास को खाली करा कर विधायक को मिलने वाला छोटा फ्लैट देने की तैयारी की जा रही है।
मुख्यमंत्री सचिवालय ने गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय से आला अधिकारियों को तलब कर पायलट की जेड श्रेणी की सुरक्षा वापस लेने को लेकर चर्चा की । पायलट को केंद्र सरकार की तरफ से वाय श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। जेड श्रेणी के तहत 22 सुरक्षाकर्मी और दो स्कॉर्ट गाडियां मिलती है। सुरक्षाकर्मी मशीनगन एवं आधुनिक संचार के साधनों से लैस होते हैं। वहीं पायलट को बर्खास्त किए जाने के बाद गहलोत सरकार ने फौरन कार्रवाई करते हुए उनके शासन सचिवालय स्थित दफ्तर से नेम प्लेट हटा दी है।
शासन सचिवालय की मेन बिल्डिंग के सेकेंड फ्लोर पर पायलट को बतौर ग्रामीण एवं पंचायतीराज मंत्री 3104 नंबर का कमरा आवंटित किया गया था। उप मुख्यमंत्री बनने के बाद पायलट ने यह कमरों अपने लिए तैयार कराया था। पायलट के स्टाफ के लिए आवंटित सचिवालय के कमरो को भी खाली करा लिया गया। पायलट के दफ्तर से सरकारी फाइलें मंगवा ली गई। जयपुर में उनके सिविल स्थित सरकारी आवास को खाली कराने के साथ विधायक को मिलने वाला छोटा फ्लैट आवंटित करने को लेकर मुख्यमंत्री सचिवालय ने सामान्य प्रशासन विभाग के अफसरों को तलब किया है। मंगलवार देर शाम पायलट को एक सामान्य विधायक को मिलने वाली सुविधाएं देने को लेकर सामान्य प्रशासन सचिव ने तैयारी शुरू की है।
बर्खास्तगी के बाद गहलोत ने की पहली मंत्रिपरिषद बैठक, लिए गए अहम निर्णय
राजस्थान में सियासी उथल पुथल के बीच कांग्रेस के बड़े नेता सचिन पायलट को उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटा दिया गया। सचिन पायलट की बर्खास्तगी के बाद राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने निवास स्थान पर मंत्रिमंडल की बैठक की। यह बैठक शाम 7:30 से शुरू होकर रात 10:30 बजे तक हुई। अशोक गहलोत की अगुवाई में हुई मंत्री परिषद की बैठक में कई अहम निर्णय भी लिए गये।
वहीं, दूसरी ओर राजस्थान में एक बार फिर सोमवार की तरह मंगलवार को भी राजनीतिक उठा पटक चलती रही। कांग्रेस ने विधायक दल की बैठक के लिए बागी नेता सचिन पायलट को आमंत्रण भेजा था लेकिन पायलट ने इस बैठक में शामिल नहीं हुए थे। जिसके बाद उन्हें मंत्री और पार्टी के पदों से हटा दिया गया। पायलट के साथ ही उनके करीबी नेता विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी मंत्रिपद से हटा दिया गया।
गहलोत मंत्री परिषद की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गये हैं। जिसमें पूर्वी राजस्थान नहर प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाने के लिए प्रस्ताव का अनुमोदन, प्रदेश में उद्योग स्थापना के लिए लागू होगी वन स्टॉप शॉप प्रणाली अहम है। इसके अलावा प्रदेश में 223 करोड रुपए का निवेश किए जाने पर भी सहमति बनी। इसके साथ ही विभिन्न सेवा नियमों में संशोधन को मंजूरी दी गयी है।