अशोक गहलोत के लिए एक और मुश्किल आई, बसपा विधायकों के विलय को लेकर सोमवार को सुनवाई
गहलोत के लिए एक और मुश्किल आई बसपा विधायकों के विलय को लेकर सोमवार को सुनवाई राजस्थान हाईकोर्ट में भाजपा विधायक की याचिका पर होगी सुनवाई
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। एक तरफ हाईकोर्ट ने विधानसभा स्पीकर के नोटिस पर स्टे कर वहीं दूसरी तरफ तो बसपा के विधायकों के विलय का मामला भी कोर्ट में पहुंच गया है। भाजपा विधायक मदन दिलावर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर, बसपा के 6 विधायकों के कांग्रेस में विलय को लेकर सवाल उठाए हैं। अब इस मामले में सोमवार को सुनवाई होगी। दिलावर ने इस संबंध में स्पीकर के समक्ष भी याचिका दायर कर रखी है।
उल्लेखनीय है कि सितंबर 2019 में बसपा के सभी 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे। स्पीकर सी.पी जोशी ने तब कहा था कि सभी विधायकों का कांग्रेस में विलय पत्र मिल चुका है। ऐसे में किसी प्रकार की कानूनी अड़चन नहीं है। इन विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने से विधानसभा में पार्टी की संख्या 106 हो गई थी। लेकिन अब जब कांग्रेस के विधायक बागी हुए तो एक बार फिर इन विधायकों का मामला सामने आया ।
कांग्रेस विधायक अस्पताल में भर्ती
सियासी संकट के बीच कांग्रेस विधायक बाबूलाल बैरवा को बीमार होने पर रात सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया। बैरवा सीएम अशोक गहलोत के निकट माने जाते हैं। चिकित्सक बैरवा का स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे हैं। गहलोत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भंवरलाल मेघवाल पहले से गुरूग्राम मेदांता अस्पताल में भर्ती है।
राजस्थान के सियासी घमासान में केंद्र सरकार की एंट्री हुई
कानूनी दांवपेच में फंसे राजस्थान के सियासी संकट के बीच हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सचिन पायलट गुट को राहत देते हुए विधानसभा स्पीकर के आयोग्यता नोटिस पर यथास्थिति रखने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने स्पीकर के नोटिस को स्टे कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांती और जस्टिस प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने कहा कि स्पीकर अभी बागी विधायकों पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकते, पहले का फैसला लागू रहेगा।
इसका मतलब यह है कि स्पीकर कांग्रेस के बागी विधायकों को अयोग्य घोषित नहीं कर सकते। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि फिलहाल नोटिस पर कोई कार्रवाई नहीं होगी और आगे सुनवाई जारी रहेगी। इसी बीच राजस्थान के सियासी दंगल में शुक्रवार को केंद्र सरकार की एंट्री हो गई। हाईकोर्ट ने पायलट खेमे की ओर से केंद्र सरकार को पक्षकार बनाने के लिए दी गई अर्जी को भी स्वीकार कर लिया है।