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कांग्रेस के असंतुष्टों को मनाने में जुटे गहलोत, मध्यस्थ की भूमिका निभाकर संकट दूर करने का प्रयास

गहलोत कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्यों के साथ ही पंजाब व छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों पूर्व मुख्यमंत्रियों प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षोें सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं से लगातार बात कर पार्टी का आंतरिक मसला अंदर ही सुलझाने का सुझाव दे रहे हैं।

By PRITI JHAEdited By: Published: Sun, 07 Mar 2021 11:54 AM (IST)Updated: Sun, 07 Mar 2021 11:54 AM (IST)
कांग्रेस के असंतुष्टों को मनाने में जुटे गहलोत, मध्यस्थ की भूमिका निभाकर संकट दूर करने का प्रयास
कांग्रेस के असंतुष्टों को मनाने में जुटे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। कांग्रेस में असंतुष्ट नेताओं के ग्रुप जी-23 की बढ़ती सक्रियता के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गांधी परिवार के लिए नेताओं को एकजुट करने में जुटे हैं। गहलोत ने जयपुर में बैठकर पिछले एक सप्ताह में टेलीफोन पर वरिष्ठ नेताओं से संपर्क साधा है। वे अब भी लगातार अलग-अलग राज्यों के नेताओं से संपर्क साधने में जुटे हैं। गांधी परिवार के विश्वस्तों में शामिल गहलोत ग्रुप-23 में शामिल नेताओं के भी संपर्क में है। उनका प्रयास है कि पार्टी के नेता गांधी परिवार प्रति आस्था बरकरार रखें और कांग्रेस को पांचों राज्यों के विधानसभा चुनाव में बढ़त दिलाने को लेकर एकजुट होकर प्रयास करेें। वे पार्टी नेतृत्व और जी-23 के नेताओं के बीच मध्यस्थ की भूमिका अदा कर रहे हैं।

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गहलोत कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्यों के साथ ही पंजाब व छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों, पूर्व मुख्यमंत्रियों, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षोें सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं से लगातार बात कर पार्टी का आंतरिक मसला अंदर ही सुलझाने का सुझाव दे रहे हैं। जी-23 में शामिल हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक और गुलाम नबी आजाद से गहलोत के गहरे संबंध हैं। प्रदेश की राजनीति में इन तीनों ही नेताओं ने गहलोत की मदद की है । 2018 में हुए राजस्थान विधानसभा चुनाव में जब सचिन पायलट मुख्यमंत्री पद को लेकर मजबूत तरह से अपनी दावेदारी जता रहे थे, तब स्व.अहमद पटेल के अलावा इन नेताओं ने गहलोत की मदद की थी। कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य रघुवीर मीणा भी गहलोत के साथ पार्टी नेताओं के संपर्क में हैं। वे भी दूसरी पंक्ति के नेताओं से बातचीत में जुटे हैं। मीणा लगाातर दिल्ली जाकर दूसरी पंक्ति के नेताओं से बातचीत कर रहे हैं। गहलोत के दिशा-निर्देशन में मीणा राज्यवार नेताओं से संपर्क साध रहे हैं।

उधर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पार्टी नेतूत्व ने राज्य की चार विधानसभा सीटों पर होने वाले उप चुनाव के लिए गहलोत को फ्री हैंड दिया हैं। चारों सीटों पर उम्मीदवार के चयन से लेकर चुनाव अभियान तक की जिम्मेदारी गहलोत के अनुसार ही चलेगी।

पायलट के साथ लगातार जुड़ रहे विधायक

राजस्थान की राजनीति में पिछले सवा दो साल से लगातार गहलोत के सामने राजनीतिक रूप से मुसीबत बन कर खड़े सचिन पायलट लगातार अपनी ताकत दिखाते जा रहे हैं। पायलट खेमे से लगातार विधायक जुड़ रहे हैं। पिछले दिनों में गहलोत खेमे के दो विधायक पायलट के साथ जुड़े। ये दोनों विधायक पायलट की किसान महापंचायत में शामिल हुए। अब तक पायलट को संगठनात्मक मामलों से दूर रखने वाले गहलोत पिछले दिनों खुद अपने साथ हेलीकॉप्टर में उप चुनाव वाले क्षेत्रों में लेकर गए। सूत्रों के अनुसार पार्टी नेतृत्व की पहल पर विधानसभा के बजट सत्र और उप चुनाव के बाद पायलट खेमे के विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करने और राजनीतिक नियुक्तियों में जगह देने पर सहमति भी बनी है। 


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