केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत बढ़ रहे अपराधों पर बोले- बजरी माफिया को सहूलियत दे रही गहलोत सरकार
राज्य में बढ़ रहे अपराधों पर शेखावत ने कहा कि राजस्थान को अपराध और दुष्कर्म की राजधानी बनाने का काम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत बढ़ रहे अपराधों पर बोले- बजरी माफिया को सहूलियत दे रही गहलोत सरकार
जोधपुर, जागरण संवाददाता। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राज्य में अवैध खनन को लेकर गहलोत सरकार को घेरते हुए कहा कि ये सरकार माफिया के आगे फेल हो गई है। बजरी माफिया को सहूलियत देने में लगी है, क्योंकि जो राम-राम कर राज बचाता है, वो भ्रष्टाचार और माफिया को बर्दाश्त करता है। राज्य में बढ़ रहे अपराधों पर शेखावत ने कहा कि राजस्थान को अपराध और दुष्कर्म की राजधानी बनाने का काम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया है।
केन्द्रीय मंत्री शेखावत जोधपुर के लूणी विधानसभा क्षेत्र पहुंचे और अवैध खनन के विरोध में चल रहे धरने में शामिल हुए। यहां पर उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में जब से ये सरकार बनी है, तब से राज्य की नदियों को अवैध रूप से खोदने का काम चल रहा है। केंद्र सरकार के बार-बार आगाह करने के बावजूद सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही। पॉलिटिक्ल लीडरशिप और सरकार की निष्क्रियता के कारण पूरे राज्य में ऐसी स्थिति बनी हुई है। उन्होंने कहा कि एसपी, डिप्टी एसपी, एसडीएम, माइनिंग कर्मचारियों पर बजरी माफिया ने गाड़ी चढ़ाई है, हमला किया है, गाड़ियां तोड़ी हैं, गोलियां चलाई हैं। शेखावत ने कहा कि पिछली बार कैसे ये सरकार होटल में बंद हो गई थी। जो राम-राम कर राज बचाता है, वो भ्रष्टाचार और माफिया को बर्दाश्त करता है।
राज्य में बढ़ रहे अपराधों पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजस्थान में दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ी हैं। यदि पिछले 10 दिन में देखें तो दस बड़ी दुष्कर्म की घटनाएं हुई हैं। अपराधी बच्चियों को उठाकर ले जाते हैं और दुष्कर्म करते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस का भय खत्म हो गया है। थानों से अपराधी छुड़ाए जा रहे हैं। राजस्थान को अपराध और दुष्कर्म की राजधानी बनाने का काम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया है।
एनजीटी में जाएंगे, ताकि निष्पक्ष सर्वे हो
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लूणी और जोजरी बेल्ट में अवैध रूप से बजरी का कारोबार चल रहा है, लेकिन राज्य सरकार ने बजरी माफिया को सलूहियत देने के वास्ते एक नियम निकाला है। अब राजस्थान में अपने खेत में बजरी खोद सकते हैं। कल फिर एक और ऑर्डर निकाल दिया कि सहमति से किसी के खेत से बजरी निकाली जा सकती है।
उन्होंने कहा कि राज्य की नदियों को हमेशा के लिए तबाह करने का काम ये सरकार कर रही है। शेखावत ने कहा कि इस समस्या का समाधान निकालने के लिए पहला प्रयास जिला स्तर पर करें। कलेक्टर और माइनिंग अफसरों के साथ बैठकर बातचीत करें। यदि अफसरों ने कार्रवाई की तो ठीक है, वरना राज्य स्तर पर हम कार्रवाई करेंगे। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में भी इनकी शिकायत करेंगे। एनजीटी से मांग करेंगे कि भारत सरकार और राज्य सरकार, दोनों के प्रतिनिधियों को शामिल कर सर्वे कराएं, ताकि राजस्थान सरकार मिलीभगत न कर सके। उन्होंने कहा कि मैंने तीन-चार दिन पहले देश के माइनिंग मंत्री को इस संबंध में चिट्ठी लिखी है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
गहलोत सरकार के कारण घरों तक नहीं पहुंच रहा पानी
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्ष 2019-20 में प्रधानमंत्री जी ने देश में जल जीवन मिशन की शुरुआत की, जिसकी जिम्मेदारी मुझे मिली। मैंने नियम-कानून ऐसे बनाए, ताकि राजस्थान को सबसे ज्यादा पैसा मिल सके। पहले साल राजस्थान को 2500 करोड़ का भरोसा दिया और हजार करोड़ एडवांस दिए, पर राज्य सरकार ने कोई खास काम नहीं किया। 1600 करोड़ रुपए बच गए। फिर बजट बना तो राजस्थान को सबसे ज्यादा 2500 करोड़ रुपए दिए, जिसमें से भी 1500 करोड़ बच गए। इस बार राजस्थान को 10 हजार करोड़ से ज्यादा रुपए आवंटित किए गए हैं। देश के इतिहास में पहली बार हुआ, जब किसी एक प्रदेश को 10 हजार करोड़ से ज्यादा रुपए दिए गए।
शेखावत ने कहा कि चूंकि संविधान में पानी राज्य का विषय है और राज्य सरकार की जिम्मेदारी हर घर तक पानी पहुंचाने की है। मैं लगातार राज्य सरकार के पीछे पड़ रहा हूं, लेकिन विडंबना देखिए हर तीसरे महीने यहां अधिकारी बदल दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने चार बड़ी कंपनियों को पूरे राजस्थान का ठेका दे दिया। राज्य के ठेकेदारों ने आंदोलन किया और कोर्ट में गए। इसमें आठ महीने बेकार चले गए। शेखावत ने कहा कि राजस्थान में एक करोड़ कनेक्शन देने हैं, जिसमें से 80 लाख कनेक्शन की योजना को स्वीकृति दिला दी गई है। आपके घरों तक पानी पहुंचे, मैं इस लगातार कार्यवाही कर रहा हूं।
पाली में 150 करोड़ से बनेगा एसटीपी
शेखावत ने कहा कि मैंने लूणी क्षेत्र में पाली से आने वाले कैमिकल के गंदे पानी की समस्या केंद्रीय टेक्सटाइल मंत्रालय को बताई। पाली में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के लिए 150 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत कर दिया गया है। अच्छी बात यह है कि इसकी मॉनिटरिंग एनजीटी करेगा। उन्होंने कहा कि इसका कार्य को अगस्त में पूरा करने का निर्देश था, लेकिन कोरोना के कारण विलंब हो गया। उम्मीद है कि आगामी कुछ माह में यह कार्य हो जाएगा। वैसे एनजीटी ने आगामी दीपावली तक इसे पूरा करने का भरोसा दिलाया है।