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Rajasthan Police: राजस्थान में बिगड़ी कानून व्यवस्था पर लगाम लगाने के लिए लागू होगी फ्रेंड्स ऑफ पुलिस योजना

Rajasthan Police. बिगड़ी कानून व्यवस्था पर लगाम लगाने के लिए राजस्थान में फ्रेंड्स ऑफ पुलिस योजना लागू होगी।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 27 Sep 2019 03:18 PM (IST)Updated: Fri, 27 Sep 2019 03:18 PM (IST)
Rajasthan Police: राजस्थान में बिगड़ी कानून व्यवस्था पर लगाम लगाने के लिए लागू होगी फ्रेंड्स ऑफ पुलिस योजना
Rajasthan Police: राजस्थान में बिगड़ी कानून व्यवस्था पर लगाम लगाने के लिए लागू होगी फ्रेंड्स ऑफ पुलिस योजना

जागरण संवाददाता, जयपुर। बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर लगाम लगाने और स्थानीय स्तर पर इंटेलिजेंस को मजबूत करने के लिहाज से राजस्थान पुलिस फ्रेंड्स ऑफ पुलिस योजना लागू करेगी। इस योजना के तहत गांव से लेकर कस्बों तक आम लोगों को पुलिस मित्र बनाए जाएंगे। तमिलनाडु की तर्ज पर लागू होने वाली इस योजना के तहत पुलिस निचले स्तर पर इंटेलिजेंस को मजबूत करने का प्रयास करेगी। पुलिस को इससे अपराधियों पर लगाम लगाने में सफलता मिलने की उम्मीद है। तमिलनाडु में इस योजना के अच्छे परिणाम सामने आने के बाद राजस्थान के पुलिस महानिदेशक भूपेंद्र यादव राज्य में भी फ्रेंड्स ऑफ पुलिस स्कीम लागू करने जा रहे हैं।

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तमिलनाडु में पुलिस के आधा दर्जन अधिकारियों को भेजकर वहां योजना के क्रियान्वयन का अध्ययन कराया गया है। इस योजना के तहत पुलिस सामाजिक संस्थाओं से जुड़े रहने वाले व अपने क्षेत्र में सक्रिय रहने वाले ऐसे लोगों का चयन करेगी, जो कानून व्यवस्था सुधारने में मदद करे। ये सभी पुलिस के कान, नाक व आंख बनकर काम करेंगे। किसी भी अपराध के घटित होने या अपराधी के छिपे होने की जानकारी तत्काल स्थानी पुलिस थाने में देंगे। पुलिस मुख्यालय में इस योजना के लिए अलग से सेल बनाया जाएगा। पुलिस अधीक्षक व थाना स्तर पर अलग से एक नोडल अधिकारी बनाया जाएगा।

बेदाग और दबंग अफसरों को जोड़ा जाएगा

पुलिस के बेदाग और दबंग अफसरों को फ्रेंड्स ऑफ पुलिस योजना से जोड़ा जाएगा। योजना के तहत स्थानीय स्तर पर कोई भी व्यक्ति अगर पुलिस से जुड़ना चाहेगा तो उसे जोड़ा जाएगा। उस व्यक्ति के बारे में पुलिस पूरी तरह से जानकारी हासिल करने के बाद अपने साथ जोड़ेगी। पुलिस महानिदेशक का मानना है कि पुलिस प्रशासन व आम लोगों के बीच सामंजस्य कायम करने के लिए यह योजना लाभदायक साबित होगी।

उल्लेखनीय है कि पूर्व में पुलिस थाना स्तर पर सीएलजी कमेटियां बनी हुई हैं। इन कमेटियों में क्षेत्र के लोगों को सदस्य बनाया गया है। लेकिन यह अधिक कारगर साबित नहीं हो सकी। अब तमिलनाडु की तर्ज पर नई योजना बनाकर आम लोगों से पुलिस को जोड़ा जाएगा। 

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