राजस्थान काॅलगर्ल उपलब्ध कराने के नाम पर भी ठगी
राजस्थान में पुलिस ने एक ऐसा गिरोह पकड़ा है जो लोगों को काॅलगर्ल्स से मिलवाने और उपलब्ध कराने के नाम पर भी ठगी करता था।
जयपुर। राजस्थान में पुलिस ने एक ऐसा गिरोह पकड़ा है जो लोगों को काॅलगर्ल्स से मिलवाने और उपलब्ध कराने के नाम पर भी ठगी करता था। पुलिस ने गिरोह के सरगना कुलदीप पांडे सहित सात लोागें को गिरफ्तार किया है। पुलिस के इनके कब्जे से 10 लाख रुपये नगद, एक लग्जरी कार और 22 मोबाइल भी बरामद किए हैं।
पुलिस के अनुसार गिरोह जयपुर कॉलगर्ल्स और जयपुर एस्कोर्ट नाम से इंटरनेट पर लड़कियों के प्रोफाइल बनाकर ठगी करता था। इस बारे में कुछ दिन पूर्व बूंदी के एक आदमी ने पुलिस में शिकायत की थी। शिकायत में बताया गया था कि कुछ लोग आर्थिक तौर पर सम्पन्न लोगों को अपने जाल में फंसा कर उन्हें लड़कियों के फोटो दिखाते और कॉलगर्ल्स बताते हुए उनसे मिलवाने का वादा करते हैं।
व्यक्ति गिरोह के चंगुल में फंस जाता तब उससे कॉलगर्ल्स से मिटिंग के लिए एडवांस फीस के नाम पर मोटी रकम अपने खातों में ट्रांसफर करवाते। एक बार रुपये मिलने के बाद वो व्यक्ति का फोन नंबर ब्लॉक कर देते और फिर दूसरे शिकार की तलाश में जुट जाते है।
पुलिस ने मामले की जांच के बाद पहले चार आरोपियों शेखर, महावीर, साजिद हुसैन और अजहर को पकड़ा। ये सभी इंदौर के रहने वाले है। इनसे पूछताछ में पुलिस को गिरोह के सरगना का पता चला जो जयपुर में रहता है। पुलिस ने सरगना कुलदीप पांडे और इसके साथ दो और लोगों मुकेश और रामशंकर को भी गिरप्तार किया।
गिरोह में शामिल बदमाशों की औसत उम्र 20 से 22 वर्ष है। इनमें आईटी डिग्री होल्डर भी शामिल हैं। जिसके चलते ठगी में तकनीक का इस्तेमाल ऐसे करते जिससे आसानी से किसी के पकड़ में नहीं आते। इन्होंने लोगों को जाल में फांसने के लिए नौकरी पर कर्मचारी रख रखे थे। उन्हीं कर्मचारियों के जरिए अलग-अलग खातों में ठगी की रकम जमा करवाते थे। इस रकम को तत्काल खातों से निकाल लेते थे।