Rajasthan: जयपुर में पेटीएम केवाइसी के नाम पर आइएएस अधिकारी से ठगी
Fraud In Jaipur. राजस्थान के जयपुर में पेटीएम केवाइसी के चक्कर में आइएएस अधिकारी से ठगी का मामला सामने आया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जयपुर, जेएनएन। Fraud In Jaipur. पेटीएम केवाईसी के नाम पर खातों से रुपये निकालने के मामले में राजस्थान के एक आइएएस अधिकारी भी ठगा गया। हालांकि सतर्कता दिखाने पर उनके रुपए उन्हें वापस मिल गए। अकेले जयपुर में पिछले दिनों इस तरह की 30 से ज्यादा घटनाएं सामने आ चुकी हैं और लाखों रुपये की ठगी हो चुकी है।
जानकारी के मुताबिक, जयपुर के चित्रकूट नगर में रहने वाले आइएएस अधिकारी सांवरमल वर्मा भी ठगी के शिकार हो गए। ठगोें ने पेटीएम केवाइसी अपडेट कराने के चक्कर में उनके खाते से 2.45 लाख रुपये की ठगी कर ली। खाते से पैसे निकलते ही आइएएस सांवरमल वर्मा ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने तुरंत पेटीएम से संपर्क कर पेमेंट रुकवा दिया। तब तक ठग 25 हजार रुपये निकाल चुका था। पेटीएम ने बाकी के 2.20 लाख रुपये रिकवर करके आइएएस के खाते में वापस डलवा दिए। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
वहीं, एक अन्य पीड़ित रूपलाल चैपड़ा भी पेटीएम केवाईसी अपडेट के चक्कर में 52 हजार रुपये की ठगी के शिकर हो गए। पेटीएम केवाईसी अपडेट करने के नाम पर हो रही ठगी में ग्राहक के पास मैसेज आता है कि आपकी पेटीएम केवाइसी अपडेट नहीं है। इसे अपडेट कराएं नहीं तो पेटीएम बंद हो जाएगा। केवाईसी कराने के लिए एक नंबर दिया जाता है। इस नंबर पर डायल करते ही सामने वाला व्यक्ति एक एप डाउनलोड करवाता है और यह एप डाउनलोड करते ही आपका फोन हैक हो जाता है और आपके खाते से रकम गायब हो जाती है। जयपुर में पिछले दिनों ऐसे तीस मामले सामने आ चुके हैं।
गौरतलब है कि गत दिनों इंश्योरेंस पॉलिसी के नाम पर दोगुनी राशि दिलाने का लालच देकर लोगों के साथ ठगी करने वाले गिरोह के दिल्ली निवासी सरगना को मप्र पुलिस की साइबर सेल ने गिरफ्तार किया था। उसके गिरोह के तीन सदस्यों को साइबर सेल पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। आरोपित लोगों को ठग कर अपने 65 अलग-अलग खातों में रुपये जमा करा लेता था।
मप्र साइबर सेल के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह ने बताया कि हरिकृष्ण शुक्ला निवासी सेवा सरदार नगर की शिकायत के बाद आरोपित बृजमोहन, निवासी निलाल विहार नागलोई पश्चिम दिल्ली को गिरफ्तार किया गया है। उसके तीन साथियों वरुण, जितेंद्र और सुमित को साइबर पुलिस टीम पहले ही गिरफ्तार कर चुकी थी।