Rajasthan Road accident: राजस्थान के नागौर में सड़क हादसे में चार युवकों की मौत
Rajasthan Road accident राजस्थान के नागौर में बीती रात फिर एक भीषण सड़क हादसा हुआ और इसमें चार युवकों की मौत हो गई।
जयपुर। राजस्थान के नागौर में बीती रात फिर एक भीषण सड़क हादसा हुआ और इसमें चार युवकों की मौत हो गई। नागौर में डीडवाना सालासर हाइवे पर एक पत्थरों से भरे ट्रक ने कार को सामने से टक्कर मार दी। कार में ये चारों युवक सवार थे।
पुलिस के अनुसार डीडवाना के रहने वाले इरशाद, अफजल, आमिर और यूसुफ मंगलवार देर रात सीकर के एक अस्पताल में मेडिकल चेकअप करवा कर वापस लौट रहे थे। इसी दौरान मीठड़ी के पास सामने से आ रही पत्थरों से भरे ट्रक ने उनकी कार को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबर्दस्त थी कि कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और कार में सवार चारों युवकों की मौके पर ही मौत हो गई।
सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और सभी शवों को डीडवाना के बांगड़ राजकीय अस्पताल पहुंचाया। हादसे की खबर मिलने पर मृतकों के परिजन और फतेहपुरी गेट क्षेत्र के लोग अस्पताल पहुंच गए। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और हादसे की जांच शुरू कर दी है। गौरतलब है कि नागौर में ही दो दिन पहले एक ओर बडा हादसा हुआ था, जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई थी। यह हादसा कुचामन सिटी के पास हुआ था जहां एक मिनी बस अनियिंत्रित हो कर पेड़ से टकरा गई थी।
राजस्थन में एक अक्टूबर के बाद से अब सड़क दुर्घटनाओं में 70 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और इनमें से ज्यादातर बडी दुर्घटनाएं है। सड़क सुरक्षा को लेकर हाल में सरकार ने मंत्रियों की एक केबिनेट कमेटी का गठन भी किया है।
उदयपुर में ओसिफाइग फाईब्रोमा बीमारी का सफल ऑपरेशन
यहां पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में पहली बार जबड़े की बीमारी का नि:शुल्क सफल ऑपरेशन किया। पांच घण्टे तक चले इस सफल ऑपरेशन को मेक्सिलोफेसियल सर्जन डॉ.बी.डी.रॉय, डॉ.नीलेश भानावत, डॉ.हिमांशु गुप्ता, डॉ.प्रकाश औदिच्य, डॉ.अरूण माथुर, बृजेश भारद्वाज, दीपक एवं सूर्यकान्त की टीम ने किया।
बांसवाड़ा के कोटडी राणा गांव की रहने बाली 17 वर्षीय गोटीराणा के पिछले दो साल से दाएं जबड़े मेंं सूजन आना शुरू हुई। जो लगातार बढ़ती चली गयी और उसका जबड़ा सूजकर बडे नारियल की तरह हो गया था। गोटीराणा के परिजन उसे उपचार के लिए कई जगह ले गए, लेकिन जबड़े की इतनी बडी गांठ एवं मेक्सिलोफेसियल सर्जन के अभाव के चलते मरीज का इलाज सम्भव नहीं हो पाया। बाद में परिजन उसे पेसिफिक डेन्टल कॉलेज एवं रिसर्च सेन्टर लेकर आए। जहां उसे डॉ. नीलेश भाणावत ने उसकी जांच की और पाया कि गोटीराणा को ओसिफाइग फाईब्रोमा नामक बीमारी है। जिसका उपचार ऑपरेशन के जरिए संभव था।
हेपेटाइटिस से पीडि़त होने से मरीज का ऑपरेशन जोखिम भरा था। इसके बावजूद डॉ.नीलेश भाणावत एवं टीम ने ऑपरेशन कर मरीज का उपचार किया। बताया गया कि ओसिफाइग फाईब्रोमा नामक बीमारी एक लाख लोगों में किसी एक व्यक्ति में ही पाई जाती है। गोटीराणा अब पूरी तरह से स्वस्थ है।