Coronavirus: राजस्थान के चार जिलों में नहीं पहुंचा कोरोना, चार जिले हुए संक्रमण मुक्त
Coronavirus गुजरात में कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने के बावजूद सीमा से सटे राजस्थान के सिरोही व जालौर जिले अब तक कोरोना की चपेट में नहीं आए।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। Coronavirus: कोरोना संक्रमण के मामले में राजस्थान महाराष्ट्र, दिल्ली और गुजरात के बाद चौथे स्थान पर है, वहीं जांच के मामले तीसरे स्थान पर है। इसी बीच, राज्य के लिए सुखद बात यह है कि यहां कोरोना संक्रमण पर लगातार काबू भी पाया जा रहा है। राज्य के चार जिलों सिरोही, जालौर, बूंदी व श्रीगंगानगर में कोरोना की अब तक पहुंच नहीं हुई है। इनके आसपास के जिलों में संक्रमण फैला, लेकिन लोगों की जागरूकता व प्रशासन की सख्ती के कारण ये जिले कोरोना से बचे हुए हैं। वहीं, प्रदेश के चार जिले बीकानेर, चूरू, प्रतापगढ़ व राजसमंद कोरोना मुक्त हो गए।
राज्य में सबसे पहले कोरोना जोन बना भीलवाड़ा भी अप्रैल के दूसरे सप्ताह में कोरोना मुक्त हो गया था, यहां के 27 संक्रमितों में से 25 स्वस्थ हो गए और दो की मौत हुई थी, लेकिन करीब एक सप्ताह पहले दिल्ली से आए एक पॉजिटिव व्यक्ति के कारण संक्रमण फिर फैला और यहां पांच लोग संक्रमित हो गए। हालांकि ये भी तेजी से रिकवर कर रहे हैं। जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट का कहना है कि अगले सप्ताह तक भीलवाड़ा में कोरोना का एक भी पॉजिटिव केस नहीं बचेगा।
आम लोगों की इच्छा शक्ति के चलते दूर रहा कोरोना
गुजरात में कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने के बावजूद सीमा से सटे राजस्थान के सिरोही व जालौर जिले अब तक कोरोना की चपेट में नहीं आए। सिरोही में राज्य का एकमात्र पर्वतीय पर्यटन स्थल माउंट आबू होने के कारण यह आशंका जताई जा रही थी कि यहां कोरोना फैल सकता है, लेकिन अब तक बचा हुआ है। सिरोही और जालौर जिलों के करीब 10 हजार लोग गुजरात में मजदूरी करते हैं, लॉकडाउन होने के बाद भी ये यहां कैसे-जैसे आते रहे। इस का प्रमुख कारण सिरोही जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल की आम आदमी से संवाद की कला है। कलाल ने कोरोना महामारी शुरू होते ही लोगों के बीच जाकर इसके खतरों के बारे में बताया।
उन्होंने सरकारी कार्मिकों के अलावा स्वयंसेवी संगठनों का सहयोग लिया,जिले के प्रत्येक गांव तक कोरोना से बचाव का संदेश पहुंचाया। जालौर जिला कलेक्टर हिंमाशु गुप्ता ने जिले की सीमा पूरी तरह से सील कर दी। ख्रुद सुबह और शाम गांवों में जाकर लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग व हाथ धोने से होने वाले फायदों के बारे में समझाया। यहां के लोगों ने भी इच्छाशक्ति दिखाई और इसी का परिणाम है कि यह जिला अब भी कोरोना से बचा हुआ है। इसी तरह श्रीगंगानगर जिले के पड़ौसी बीकानेर व हनुमानगढ़ जिलों में संक्रमित मिले, वहीं बूंदी के आसपास के दो जिले कोटा और टोंक कोरोना के हॉटस्पॉट बने, लेकिन बेहतर प्रबंधन एवं लोगों में जागरूकता के चलते ये संक्रमण से दूर रहे।
चार जिलों की चिंता दूर हुई
प्रदेश के चूरू, बीकानेर, प्रतापगढ़ व राजसमंद जिले कोरोना मुक्त हो गए। दिल्ली से तब्लीगी जमातियों के आने के कारण चूरू में एक साथ 14 पॉजिटिव केस सामने आए, लेकिन जिला प्रशासन द्वारा लोगों को आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाने को लेकर चलाए गए अभियान व चिकित्सकों की मेहनत से यहां अब एक भी पॉजिटिव केस नहीं बचा। दो दिन पहले बीकानेर कोरोना मुक्त हो गया। यहां के 37 में से 36 लोग पूरी तरह से स्वस्थ होकर अपने घर चले गए वहीं एक की मौत हो गई। पूरे देश में श्रीनाथजी के मंदिर व खनन व्यवसाय के लिए प्रसिद्ध राजसमंद के साथ ही प्रतापगढ़ जिले में एक भी कोरोना पॉजिटिव नहीं बचा है। यहां पिछले दस दिन से कोई नया संक्रमित नहीं मिला।
चिकित्सा मंत्री बोले, अधिक जांच के सुखद परिणाम
राज्य के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्म ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि कोरोना पर हमने काबू जांचों की संख्या में वृद्धि करके किया है। अधिक जांच की तो अधिक केस सामने आए, फिर उनका इलाज किया गया। इस वजह से हालात नियंत्रण में है।