Rajasthan Rain: राजस्थान में भारी बारिश, छत गिरने से छह बच्चों की मौत
Heavy Rain In Rajasthan उदयपुर सिरोही डूंगरपुर चित्तौड़गढ़ प्रतापगढ़ झालावाड़ बांसवाड़ा भीलवाड़ा अजमेर जैसलमेर बीकानेर में कहीं-कहीं भारी से अति भारी बारिश दर्ज की गई।
जयपुर/उदयपुर/अजमेर, जेएनएन। Heavy Rain In Rajasthan: राजस्थान में रविवार को कई जिलों में भारी बारिश हुई। झालावाड़ में मकान की छत गिरने से चार और बांसवाड़ा में छात्रावास की छत गिरने से दो बच्चों की मौत हो गई। पिछले 24 घंटे में प्रदेश में उदयपुर, कोटा और बीकानेर संभाग में मानसून का जोर रहा। उदयपुर, सिरोही, डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, झालावाड़, बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, अजमेर, जैसलमेर, बीकानेर जिलों में कहीं-कहीं भारी से अति भारी बारिश दर्ज की गई है। प्रदेश में सबसे ज्यादा बारिश डूंगरपुर जिले के आसपुर में 360 मिमी बारिश हुई। मध्य प्रदेश में हुई भारी बारिश का असर राजस्थान में भी देखा जा रहा है। चंबल के सबसे बड़े गांधी सागर बांध को 1306 फीट के जलस्तर से पहले ही खोलना पड़ा, जबकि बांध की पूर्ण भराव क्षमता 13.12 फीट है। गांधी सागर से 10 छोटे गेट खोलकर 95000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
गांधी सागर में लगभग डेढ़ लाख क्यूसेक पानी की आवक होने से जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। पिछले साल इसी गांधी सागर बांध के कारण चंबल में तबाही मच गई थी। इस बांध के भी दो गेट खोले गए हैं। बांध की अधिकतम क्षमता 1157.50 फीट है। भारी बारिश की वजह से बूंदी जिले के जवाहर सागर बांध भी पानी से लबालब हो गया। इस बांध के गेट खोलने की तैयारी की जा रही है। प्रदेश के आदिवासी बांसवाड़ा जिले में पिछले पांच दिन से तेज बारिश का दौर जारी है। इससे यहां जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। डूंगरपुर में रविवार को हुई तेज बारिश से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
झालावाड़ में मकान की छत गिरने से चार बच्चों की मौत
झालावाड़ जिले के कुशलगढ़ में पशु चराने जंगल में गए चार बच्चे अचानक आई बारिश से बचने के लिए एक खंडहर मकान में पहुंचे, लेकिन तेज बारिश के मकान की छत गिर गई, जिसमें नीचे दबने से चारों बच्चों की मौत हो गई। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को प्रदेश के अलवर, दौसा, सीकर, जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश का यलो अलर्ट है। वहीं, बाड़मेर, चूरू, नागौर, जोधपुर, जालौर जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है।
बांसवाड़ा में छात्रावास की छत गिरी, दो बच्चों की मौत
बांसवाड़ा जिले में गत दो दिन से जारी बारिश का कहर रविवार को कुशलगढ़ इलाके में देखने को मिला। जहां एक छात्रावास भवन की छत गिरने से दो बच्चों की मौत हो गई, जबकि दो अन्य बच्चे घायल हो गए। ये सभी बच्चे चरवाहे हैं, जो बारिश से बचने के लिए छात्रावास के नीचे खड़े थे। हादसा कुशलगढ़ से करीब एक किलोमीटर दूर पोटलिया मोर गांव स्थित समाज कल्याण विभाग के छात्रावास भवन में हुआ। दोपहर बाद बारिश तेज होने पर आसपास गाय चराने वाले बच्चे भी छात्रावास भवन में पहुंच गए। तभी बरामदे की छत ढह गई बरामदे में खड़े चरवाहे बच्चे मलबे में दब गए। पेट्रोल पंप के कर्मचारियों के साथ आसपास की बस्तियों के लोग वहां पहुंचे और पुलिस को इसकी सूचना दी।
पुलिस ने जेसीबी से मलबे को हटवाया, तब तक एक बच्चे की मौत हो गई। मलबे से निकाले तीन अन्य चरवाहे बच्चों को बांसवाड़ा चिकित्सालय भेजा गया। वहां उपचार के दौरान एक और बच्चे की मौत हो गई। मृतकों की शिनाख्त सुनारिया निवासी बबलू और भगतपुरा निवासी राजू के रूप में हुई है। घायल दो अन्य बच्चों की हालत भी गंभीर बनी हुई है। गौरतलब है कि उक्त छात्रावास भवन को समाज कल्याण विभाग ने छह साल पहले नाकारा घोषित कर दिया था और तब से ही उस पर ताला जड़ा था। घटना के बाद उपखंड अधिकारी विजेश पंड्या, कुशलगढ़ थाना प्रभारी प्रदीप कुमार ने घटनास्थल का दौरा किया और जिला प्रशासन को रिपोर्ट दी।
वागड़ पर मेहरबान हुआ मानसून, वागड़ गंगा माही हुई लबालब
दक्षिण राजस्थान में पिछले कई दिनों से मानसून मेहरबान हुआ है। शनिवार दोपहर से शुरू हुई बारिश रविवार को दोपहर बाद थमी। वागड़ अंचल के दोनों जिलों (बांसवाड़ा-डूंगरपुर) में इस दौरान जमकर बारिश हुई। इधर, भरपूर बारिश के बाद संभाग के सबसे बड़ा माही बांध भी लबालब हो गया और शनिवार अर्धरात्रि इसके सभी 16 गेट खोले गए। रविवार दिन में इसके 14 गेट 6-6 मीटर तथा दो गेट आधा-आधा मीटर खोलकर पानी की निकासी की गई। इस दौरान बांध के विशाल गेटों से झरती जलराशि का मनोहारी नजारा देखा गया।
माही बांध या माही बजाज सागर परियोजना वागड़ विकास के भगीरथ पूर्व मुख्यमंत्री स्व. हरिदेव जोशी द्वारा दी गई एक अविस्मरणीय सौगात है। वर्ष 1984 में इस परियोजना के निर्माण के बाद नहरों में पहली बार सिंचाई के लिए जल प्रवाहित किया गया था। बांध की कुल लंबाई 3.10 किलोमीटर है जिसमें से 2.60 किलोमीटर मिट्टी का बांध एवं 0.42 किलोमीटर पक्का बांध बनाया गया है। बांध के ओवरफ्लो होने की स्थिति में जल निकासी के लिए 16 गेट लगाए गए हैं। इसी प्रकार, बांध से निकाली गई दायीं व बायीं मुख्य नहरों से सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के साथ-साथ विद्युत उत्पादन भी किया जाता है। बांध पर जल विद्युत गृह प्रथम (2 गुणा 25 मेगावाट) बांसवाड़ा से 8 किमी दूर तथा द्वितीय विद्युत गृह (2 गुणा 45 मेगावाट) बागीदौरा के समीप लीलवानी में स्थित है।
पिछले चौबीस घंटों में सर्वाधिक 362 मिमी बारिश आसपुर में दर्ज हुई है। इसी प्रकार साबला में 202 मिमी, निठाउवा में 195, भूंगड़ा में 140, जगपुरा में 137, दानपुर में 128, बांसवाड़ा व गणेशपुर में 122, घाटोल में 111 मिमी बारिश दर्ज हुई। अन्य सभी स्थानों पर एक से दो इंच बारिश की सूचना है।
अजमेर में मौसम हुआ खुशनुमा
अजमेर सहित समूचे जिले में रविवार को रुक रुककर बारिश होती रही। कभी तेज तो कभी धीमी बारिश ने मौसम खुशनुमा बना दिया। सुबह दो तीन बार बीजली कौधी और बादलों की तेज गर्जना हुई। लगा कि आसमानी बिजली कही गिरी है. किन्तु किसी नुकसान की शाम तक सूचना नहीं मिली। रविवार को सुबह से ही आसमान में बादल उमड़-घुमड़ कर रहे थे। एक दिन पहले जलझूलनी एकादशी से ही अजमेर में बारिश का दौर शुरू हो गया था। सुबह करीब एक घंटा जमकर बारिश हुई। इधर, तीर्थ नगरी पुष्कर में गत दो दिनों से रुक रुक कर बारिश हो रही है। रुक रुक कर बारिश होने से मौसम खुशनुमा हो गया। किन्तु पर्यटकों की आवक नहीं रही। बारिश से निचली इलाकों में पानी भर गया। आने जाने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। गत दो दिनों से आकाश में बादल छाए हैं रविवार को सुबह बारिश शुरू हुई। बारिश होने से किसानों के चेहरे खिल गए। कुछ देर दिन में धूप भी खिली। फिर भी गर्मी से लोगों को काफी राहत मिली। बारिश से पवित्र सरोवर में पानी की आवक नहीं हुई। अभी भी सरोवर को एक अच्छी बारिश का इंतजार है।