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उदयपुर की पारूल ने फ्रांसीसी मेरी के साथ लिए सात फेरे, हिंदू संस्कृति विवाह देख अभिभूत हुए विदेशी मेहमान

हमसफर फ्रांस में मिला लेकिन विदेश जाकर भी अपनी संस्कृति नहीं भूली। पारुल ने फील्ड क्लब में भव्य समारोह में हिंदू रीति-रिवाज के साथ सात फेरे लिए।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 23 Nov 2019 03:01 PM (IST)Updated: Sat, 23 Nov 2019 03:01 PM (IST)
उदयपुर की पारूल ने फ्रांसीसी मेरी के साथ लिए सात फेरे, हिंदू संस्कृति विवाह देख अभिभूत हुए विदेशी मेहमान
उदयपुर की पारूल ने फ्रांसीसी मेरी के साथ लिए सात फेरे, हिंदू संस्कृति विवाह देख अभिभूत हुए विदेशी मेहमान

उदयपुर जागरण संवाददाता। कहते हैं जोड़ियां स्वर्ग में बनती हैं और इंसान को उसे धरती पर ढूंढ ना होता है। जब वह मिल जाए तो भगवान का है कहा यह वाक्य सत्य हो जाता है। ऐसा ही अद्भुत हुआ उदयपुर की पारूल भटनागर के साथ। जिन्हें हमसफर फ्रांस में मिला लेकिन विदेश जाकर भी अपनी संस्कृति नहीं भूली। पारुल ने फील्ड क्लब में भव्य समारोह में हिंदू रीति-रिवाज के साथ सात फेरे लिए।

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शनिवार की रात पारूल भटनागर के लिए जीवन की सबसे यादगार रात के रूप में थी, जब वह फ्रांस निवासी वैलेंटाइन मेरी के साथ पाणिग्रहण ग्रहण संस्कार में बंधी और सात फेरों के साथ सात कसमें लेकर पारुल ने अपना सात समंदर पार जाने का और वैवाहिक जीवन जीने का सपना पूरा किया।

हिंदू रीती रिवाज से आयोजित हुए इस वैवाहिक समारोह में फ्रांस निवासी वैलेंटाइन मैरी गाजे-बाजे के साथ बारात लेकर फील्ड क्लब आया जहां पर हिंदू परंपरा के अनुसार पारुल के परिजनों मैं पिता संजय भटनागर, माता सपना भटनागर और भाई दर्शन भटनागर ने बारात में शामिल प्रांत से आए 40 से 45 परंपरागत वेशभूषा में शामिल हुए विदेशी मेहमानों का गुलाब का फूल देकर माला पहनाकर भव्य स्वागत किया। हिंदू संस्कृति से हुए स्वागत को देख विदेशी मेहमान रोमांचित हो उठे।

सभी रस्मों का किया निर्वाह

इस विवाह के कानूनी सलाहकार एडवोकेट हरीश पालीवाल ने बताया कि पानी ग्रहण संस्कार में बंधने वाले दंपति पारूल भटनागर एवं वैलेंटाइन मेरी ने फील्ड क्लब के पांडाल में बारात तोरण वरमाला मांग भरने तथा सात फेरे लेने सहित विवाह की सारी रस्मों को बखूबी निभाया। पंडित ने दांपत्य संबंध में बंधने वाले दोनों पति पत्नी को कहानियां सुनाई तथा सात जन्मों तक साथ रहने के वचन दिलाएं। आठवां वचन के रूप में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के साथ महिलाओं का सम्मान करने का वचन भी दिलाया।

भारतीय संस्कृति से अभिभूत वैलेंटाइन मेरी का परिवार

विवाह समारोह में डोले वैलेंटाइन मेरी के साथ उनके परिजन इष्ट मित्र सहित 40 से 45 विदेशी महिलाएं व पुरुष उदयपुर आए हैं। जिन्होंने यहां की विभिन्न परंपराओं को देखकर गर्व महसूस किया तथा साक्ष्य के रूप में उनकी खुलकर फोटोग्राफी व सेल्फियां ली।

फ्रांस में दोनों नौकरी करते हैं  

पारुल फ्रांस में मेडिकल रोबोटिक्स कंपनी में नौकरी करती है जबकि दूल्हा वैलेंटाइन मेरी टेलीफोन कंपनी में इंजीनियर है। दोनों की पहली मुलाकात ही प्यार में तब्दील हो गई थी।

विवाह पंजीयन के लिए सोमवार को प्रस्तुत करेंगे प्रार्थना पत्र

पारूल एवं मेरी के विवाह पंजीयन के लिए नवविवाहित दंपत्ति सोमवार को विशेष विवाह अधिनियम के तहत जिला कलेक्ट्री में जिला मजिस्ट्रेट के सामने अपना प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करेंगे। इसके बाद सारी रस्में पूरी करने के बाद नवविवाहित दंपति फ्रांस के लिए कूच कर जाएगा। 


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