Rajasthan: सांभर झील के बाद अब नावां में पांच हजार पक्षियों की मौत
Death of Birds in Nawa. राजस्थान के वन व पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई ने अधिकारियों को ड्रोन के माध्यम से पक्षियों की तलाश और रेस्क्यू करने के निर्देश दिए हैं।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान की सांभर झील में करीब 20 हजार पक्षियों की मौत के बाद अब नागौर जिले के नावां में बोटुलिज्म बीमारी से पांच हजार पक्षियों की मौत होने की बात सामने आई है। सांभर झील में भी पक्षियों की मौत का कारण बोटुलिज्म ही था। नावां कस्बा सांभर के निकट होने के कारण बैक्टिरियां वहां तक पहुंचने की बात सामने आई है। नावां में अवैध खनन के चलते रेस्क्यू के काम में भी परेशानी हो रही है। करीब एक हजार पक्षियों का ही फिलहाल रेस्क्यू हो सका है।
राज्य के वन व पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई ने अधिकारियों को ड्रोन के माध्यम से पक्षियों की तलाश और रेस्क्यू करने के निर्देश दिए हैं। ड्रोन के माध्यम से यह देखा जाएगा कि पक्षी कहां-कहां मृत अवस्था में पड़े हैं, फिर उन्हे वहां से हटाया जाएगा। वन विभाग के अधिकारियों को रेस्क्यू अभियान समाप्त होने तक नावां में ही रहने के लिए कहा गया है। उन्होंने सांभर झील पर एक वॉच टावर लगाने के भी निर्देश दिए है,जिससे पक्षियों पर निगरानी रखी जा सकेगी।
उधर, सरकार ने तय किया है कि सांभर झील के पानी की समय-समय पर जांच होगी, जिसका समुचित डेटा रखा जाएगा। क्षेत्रीय वन अधिकारी कविता सिंह ने बताया कि सांभर झील से मृत पक्षियों को हटाने के साथ ही 632 पक्षियों को बचाया गया है। पानी की जांच स्थानीय स्तर पर होने के साथ ही देश की अन्य प्रमुख प्रयोगशालाओं में भी परीक्षण कराया जाएगा।
देशी-विदेशी प्रजातियों के पक्षियों की मौत
सांभर की तरह नावां में भी देशी-विदेशी प्रजातियों के पक्षियों की मौत हुई है। इनमें नॉदर्न शावलर, पिनटेल, कॉनम टील, रूडी शेल डक, कॉमन कूट गेडवाल, रफ, ब्लैक हेडड गल, ग्रीन बी ईटर, ब्लैक शेल्डर काइट कैसपियन गल, ब्लैक विंग्ड स्टील्ट सेंड पाइपर, मार्श सेंड पाइपर, कॉमस सेंड पाइपर, वुड सेंड पाइवर, केंटिस प्लोवर, लिटिल रिंग्स प्लोवर, लेसर सेंड प्लोवर आदि शामिल हैं। वन विभाग के अधिकारियों ने अनौपचारिक रूप से बताया कि सांभर से बोटुलिज्म का बैक्टिरिया नावां तक पहुंचने के कारण पक्षियों की मौत हुई है।
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