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पंद्रह माह पहले की थी पिता की हत्या, समाज से बहिष्कृत करने की चेतावनी के बाद किया खुलासा

गांव के बुजुर्ग के लापता होने की बात समाज की पंचायत में उठाई तो बेटे ने चौकाने वाला खुलासा किया। उसने बताया कि पंद्रह महीने पहले उसने अपने पिता की हत्या कर दी ।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 12:35 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jan 2019 12:35 PM (IST)
पंद्रह माह पहले की थी पिता की हत्या, समाज से बहिष्कृत करने की चेतावनी के बाद किया खुलासा
पंद्रह माह पहले की थी पिता की हत्या, समाज से बहिष्कृत करने की चेतावनी के बाद किया खुलासा

उदयपुर, जेएनएन। गांव के बुजुर्ग के लापता होने की बात समाज की पंचायत में उठाई तो बेटे ने चौकाने वाला खुलासा किया। उसने बताया कि पंद्रह महीने पहले उसने अपने पिता की हत्या कर दी और चार किलोमीटर दूर वन विभाग की दीवार के पत्थरों के नीचे उनका शव दफना दिया।

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बेटे के खुलासे के बाद समाज के पंचों ने पुलिस को जानकारी दी और पुलिस ने बुजुर्ग के कंकाल को निकालने के बाद बेटे के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया। मामला उदयपुर संभाग के चित्तौडग़ढ़ जिलान्तर्गत विजयपुर थाना क्षेत्र के रावत का तालाब गांव की है।

विजयपुर थानाधिकारी रतनसिंह ने बताया कि शनिवार रात रावत का तालाब निवासी कन्हैयालाल धाकड़ के जरिए सूचना मिली थी कि उनके गांव में समाज की बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें गांव के रामेश्वरलाल के लापता होने का मामला ग्रामीणों ने उठाया।

पंचों ने इस मामल में उसके बेटे सुरेश से पूछताछ की और कहा कि यदि जल्द ही उसने अपने पिता का पता नहीं बताया तो उसे समाज से बहिष्कृत कर दिया जाएगा। तब सुरेश ने जो बताया, उससे समाज के सभी लोग हैरत में पड़ गए। उसने बताया कि वह अपने पिता से बेहद परेशान था और पंद्रह महीने पहले उसने गला घोंटकर अपने पिता की हत्या कर दी थी। इसके बाद वह उनका शव बाइक पर लेकर गांव से चार किलोमीटर आगे जंगल ले गया। जहां वन विभाग की दीवार में पत्थरों के नीचे दबा दिया।

सूचना मिलने पर गंगरार पुलिस उप अधीक्षक नरपतसिंह, प्रशिक्षु उप अधीक्षक अरविन्द विश्नोई, उपखंड अधिकारी सुरेश खटीक मौके पर पहुंचे। पुलिस ने देर रात सुरेश को जंगल से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में सुरेश ने बताया कि पंद्रह महीने पहले देवउठनी ग्यारस पर 2017 में उसने खेत पर सोए पिता का गला टावल से घोंट दिया। हत्या के बाद उसने शव चादर में बांधा और जंगल में गाडऩे ले गया। जिसके बाद सुरेश की निशानदेही पर रविवार सुबह वन विभाग की दीवार के नीचे दबे उसके पिता के कंकाल को निकाला गया। गले में पहनी तुलसी की माला और लंबे बालों के आधार पर ग्रामीणों ने कंकाल की पहचान रामेश्वर लाल रेगर के रूप में की।

पोस्टमार्टम के लिए शव सहायक उप निरीक्षक अजयराज सिंह के साथ उदयपुर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज भिजवाया गया। बताया गया यहां डीएनए सैम्पल लिया जाएगा और उसे जांच के लिए भेजा जाएगा। 


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