Move to Jagran APP

लॉकडाउन में नहीं मिला बाहर घूमने को, उदयपुर में पांच महीने पहले आई हथिनी हुई बीमार

लॉकडाउन से पहले उदयपुर आई हथिनी को घूमने को नहीं मिला जिसके चलते वह बीमार हो गई। लगातार बैठे रहने से वह उठ नहीं पाई।

By Neel RajputEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 06:24 PM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 06:24 PM (IST)
लॉकडाउन में नहीं मिला बाहर घूमने को, उदयपुर में पांच महीने पहले आई हथिनी हुई बीमार
लॉकडाउन में नहीं मिला बाहर घूमने को, उदयपुर में पांच महीने पहले आई हथिनी हुई बीमार

उदयपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी के असर से आम आदमी ही नहीं, बल्कि पालतू जानवरों पर भी बन आई है। लॉकडाउन से पहले उदयपुर आई हथिनी को घूमने को नहीं मिला, जिसके चलते वह बीमार हो गई। लगातार बैठे रहने से वह उठ नहीं पाई। बुधवार को ग्लूकोज की बोतलें चढ़ाने के बाद भी उसमें उठने की ताकत नहीं बची तो उसे क्रेन के जरिए उठाया गया। वन विभाग की टीम और पशु चिकित्सक उसके स्वास्थ्य पर निगाह रखे हुए हैं लेकिन दो दिन में उसकी तबियत में सुधार नहीं आया तो उसे आगरा भेजा जाना तय है।

loksabha election banner

बताया गया कि पांच महीने पहले महावत सोहनदास हथिनी सोहनकली को लेकर उदयपुर आया था। एलिफेंट सफारी में आमदनी के इरादे से आया सोहनदास हथिनी के साथ यहां लॉकडाउन में फंस गया। उसने हरिदास की मगरी क्षेत्र में डेरा जमाया लेकिन लॉकडाउन के चलते हथिनी को घुमा नहीं पाया और उसकी आय भी बंद हो गई। लगातार बैठे रहने तथा भोजन की कमी के चलते हथिनी की तबियत खराब होने लगी। दोनों कारणों से हथिनी सोहनकली बीमार हो गयी। कमजोरी इतनी ज्यादा हो गयी कि यह खड़े-खड़े ही गिर पड़ी और मरणासन्न हालात में पहुंच गयी है। महावत ने अपनी पीड़ा क्षेत्रीय पार्षद गिरीश भारती को बताई तो उन्होंने पशुपालन विभाग और वन विभाग की टीम को इसकी सूचना दी। जिसके बाद बुधवार को डॉक्टर की टीम मौके पर आयी है।

हाथी सोहन कली को उठाने की कोशिश की लेकिन विफलता मिली। इसके बाद उन्होंने क्रेन बुलाकर उसके सहारे हथिनी को खड़ा किया। डॉक्टर ने उपचार शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि आज ग्लूकोज की बोतलें चढ़ाई गई हैं, ताकि उसे ताकत आए। अगले दो दिन इसे ऐसे ही क्रेन के सहारे खड़ा रखने का प्रयास जारी रखा जाएगा ताकि गिरने से हुए घाव भी ठीक हो जाएं। अगर दो दिन में यह ठीक हो जाती है, तो अच्छा है, अन्यथा विभागीय वाहन के जरिए हथिनी को आगरा स्थित हाथी के अस्पताल में भेजा जाएगा। वन विभाग तथा पशुपालन विभाग की टीम इस प्रक्रिया को पूरा करने में अभी से जुट गई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.