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कोरोना का भय: अब नहीं मिल रहे कब्र खोदने वाले,जनाजों को घंटों करना पड़ रहा इंतजार, परिजन खोद रहे कब्र

कोरोना का भय अब नहीं मिल रहे कब्र खोदने वालेजनाजों को घंटों करना पड़ रहा इंतजार -कहीं जेसीबी का सहारा लिया जा रहा है तो कही परिजन खोद रहे कब्र

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 11 May 2020 01:19 PM (IST)Updated: Mon, 11 May 2020 04:28 PM (IST)
कोरोना का भय: अब नहीं मिल रहे कब्र खोदने वाले,जनाजों को घंटों करना पड़ रहा इंतजार, परिजन खोद रहे कब्र
कोरोना का भय: अब नहीं मिल रहे कब्र खोदने वाले,जनाजों को घंटों करना पड़ रहा इंतजार, परिजन खोद रहे कब्र

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। कोरोना संक्रमण का खौफ आम लोगों में इतना है कि अब जनाजों को भी कब्र के खुदने का इंतजार करना पड़ रहा है। कब्र खोदने वाले काम पर आने को तैयार नहीं है। यह काम करने वाले पश्चिम बंगाल व बिहार के लोग अपने-अपने गृह प्रदेश चले गए,स्थानीय लोगों में कोरोना का खौफ इस कदर बैठा हुआ है कि वे कब्रिस्तान में कब्र खोदने को आने को तैयार नहीं है।

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ऐसा ही कुछ राजस्थान के जयपुर,भीलवाड़ा,दौसा और टोंक जिलों में पिछले कुछ दिनों से देखने को मिल रहा है। हालात यह हो गए कि कहीं मृतक के परिजनों को खुद कब्र खोदनी पड़ रही है तो कहीं जेसीबी से खुदाई करानी पड़ रही है। कब्र खोदने वाले अब कोरोना के डर से कब्रिस्तान नहीं आना चाह रहे हैं ।

बाहर के लोग गए,स्थानीय काम करने को तैयार नहीं

जयपुर के नाहरी नाका और घाटगेट कब्रिस्तान में कब्र खोदने वालों ने खासकर कोरोना के मरीजों की कब्र खोदने से मना कर दिया,इसके बाद अब मृतक के परिजन को कब्र खोदने के लिए जेसीबी का इंतजाम करना पड़ रहा है। पिछले एक माह से ऐसा लगभग हर दिन हो रहा है। कब्रिस्तान में कब्र खोदने के इंतजार में हर दिन जनाजों को दफनाने के लिए लोगों को कई घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है ।

यही हाल टोंक व दौसा जिलों में है। दौसा में पिछले सप्ताह सुलेमान नामक व्यक्ति की मौत हुई,परिजन कब्रिस्तान तक जनाजे को ले गए,लेकिन वहां कब्र खोदने वाले नहीं मिले। काफी कोशिश कर कब्र खोदने वालों का घर का पता पूछकर उन्हे तलाशते हुए पहुंचे तो उन्होंने कब्र खोदने से साफ इंकार कर दिया।

बोले,चाहे कम खा लेंगे,लेकिन जब तक कोरोना खत्म नहीं हो जाएगा,कब्र नहीं खोदेंगे। दौसा जिले के ही पापड़दा गांव में एक व्यक्ति के जनाजे को कब्र खुदने तक करीब तीन घंटे इंतजार करना पड़ा। इसी तरह का वाकया अजमेर जिले के ब्यावर में रविवार को सामने आया। यहां रहमत नामक 75 वर्षीय व्यक्ति की सामान्य मौत हुई,कब्रिस्तान में कब्र खोदने वाले नहीं मिले तो परिजनों को दो घंटे तक मशक्कत कर कब्र खोदनी पड़ी,उसके बाद जनाजे को दफनाया गया।

प्रशासन ने कहा,8 से 11 फीट गहरी हो कब्र

कोरोना के संक्रमण को देखते हुए प्रशासन ने भी कब्र की गहराई बढ़ाने के लिए कहा है । सभी जिलों में प्रशासन की ओर जारी निर्देश के अनुसार अब कब्र की गहराई कम से कम आठ फीट होनी चाहिए, वहीं इसे 11 फीट तक भी खोदा जा सकता है । हालांकि कब्र खोदने वालों के नहीं मिलने से ये परेशानी बढ़ती जा रही है।

जयपुर के सामाजिक कार्यकर्ता रोशन खान,मेहमूद अली और सबनम का कहना है कि कब्र खोदने वालों के नहीं पहुंचने के कारण अब जनाजों को दफनाने के लिए जेसीबी मशीन का सहारा लेना पड़ रहा है । इसी के चलते पिछले कई दिनों से कब्रिस्तान में भी जेसीबी मंगवाई जा रही है।

ऐसा पहली बार हुआ है जब कब्रिस्तान में जेसीबी की मदद से कब्र खोदी जा रही हो।जेसीबी से कोरोना संक्रमण के चलते दम तोड़ चुके लोगों की कब्र गहरी खोदने में भी आसानी है। साथ ही ऐसे मृतकों के जनाजों को दफनाने के लिए कब्रिस्तान में एक अलग जगह भी तय की गई है । जयपुर के रामगंज और उसके आसपास हुई अब तक 35 मौतों में से अधिकांश को दफनाने में या तो जेसीबी का सहारा लिया गया या फिर परिजनों ने कब्र खोदी । 


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