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इंसानियत हुई शर्मसार, पिता को बाइक पर ले जाना पड़ा बेटी का शव

पिता को अपनी 4 साल की बेटी के शव को मोटरसाइकिल पर ही गांव लेकर जाना पड़ा। मोटरसाइकिल पर बैठ पूरे रास्ते रोते हुए अपनी बच्ची को गांव तक लेकर गया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 03 Aug 2018 04:08 PM (IST)Updated: Fri, 03 Aug 2018 04:08 PM (IST)
इंसानियत हुई शर्मसार, पिता को बाइक पर ले जाना पड़ा बेटी का शव
इंसानियत हुई शर्मसार, पिता को बाइक पर ले जाना पड़ा बेटी का शव

जयपुर, जागरण संवाददाता।राजस्थान के अलवर शहर में शुक्रवार को इंसानियत को शर्मसार करने का मामला सामने आया। एक पिता को अपनी 4 साल की बेटी के शव को मोटरसाइकिल पर ही गांव लेकर जाना पड़ा। अपनी मासूम बेटी को कलेजे से लगाए इस पिता ने अलवर से 22 किलोमीटर दूर अपने गांव तक का सफर किस तरह से तय किया होगा इसका अंदाजा लगाना भी मश्किल है।

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जानकारी के अनुसार अलवर जिले के बड़ौदा मेव थाना इलाके के नसोपुर गांव में गुरुवार रात को सुखविंदर की 4 साल की बेटी परविंदर घर के बाहर बने कुंड गिर गई थी। इस पर परिजन तत्काल उसे कुंड में निकालकर अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल पहुंचे। वहां इलाज के दौरान देर रात को ही उसकी मौत हो गई। पुलिस ने बच्ची के शव को मोर्चरी में रखवा दिया।

इसके बाद शुक्रवार सुबह बड़ौदा मेव थाना पुलिस पहुंची और पंचनामे की कार्रवाई की। परिजनों ने मृतका के शव का पोस्टमार्टम नहीं करवाने के लिए पुलिस को लिखित में दे दिया। बच्ची के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन को एंबुलेंस उपलब्ध कराने का आग्रह किया,लेकिन चिकित्सकों ने उनकी सुनवाई नहीं की।

इस पर परिजनों ने निजी एंबुलेंस चालकों से बात की तो उन्होंने मात्र 22 किलोमीटर की दूरी का किराया 2 हजार रूपए बताया। बच्ची के परिजनों के पास इतना पैसा नहीं था तो बाद में परिजन उसके शव को मोटरसाइकिल पर अपने गांव ले गए। गमजदा परविन्द्र से मोटरसाइकिल पर बैठकर पूरे रास्ते रोते हुए अपनी बच्ची को गांव तक लेकर गया। इस बारे में अस्पताल अधीक्षक से पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उन्होंने बात करने से ही इंकार कर दिया। 


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