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किसान नई फसल के लिए फिर मांगेंगे लोन, सरकार के लिए होगी मुश्किल

राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने किसानों के 18 हजार करोड़ रूपए के कर्ज माफ कर दिए है। लेकिन सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती नए कर्ज की भी रहेगी।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 20 Dec 2018 02:45 PM (IST)Updated: Thu, 20 Dec 2018 02:45 PM (IST)
किसान नई फसल के लिए फिर मांगेंगे लोन, सरकार के लिए होगी मुश्किल
किसान नई फसल के लिए फिर मांगेंगे लोन, सरकार के लिए होगी मुश्किल

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने किसानों के 18 हजार करोड़ रूपए के कर्ज माफ कर दिए है। लेकिन सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती नए कर्ज की भी रहेगी। रबी की बुआई के लिए किसान बैंकों से लोन ले चुके है। करीब 4 माह बाद फसल का यह सीजन पूरा हो जाएगा । इसके ठीक बाद किसान खरीफ की फसल बुआई की तैयारी करेगा। उस समय किसान को खाद्,बीज और कृषि यंत्रों के लिए फिर पैसों की जरूरत होगी। ऐसे में किसान लोन लेने के लिए बैंक जाएगा। राज्य के अधिकांश सहकारी बैंकों की आर्थिक हालात खराब है। अब बैंकों की खस्ता हालत और कर्ज माफी के साथ लोन वितरित करना भी सरकार के लिए चुनौती होगा।

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सहकारी बैंकों के लिए मुश्किल संभव

खरीफ की फसल के लिए लोन देने में राष्ट्रीकृत बैंकों को तो अधिक परेशानी नहीं होगी,लेकिन सहकारी बैंकों के लिए यह काम मुश्किल होगा। प्रदेश के अधिकांश सहकारी बैंकों की आर्थिक हालत ठीक नहीं है। पहले से ही कई सहकारी बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी कम है।

सहकारिता अधिनियम के तहत बैंक में सरकार की 25 प्रतिशत हिस्सेदारी जरूरी है। बैंक लगातार सरकार से उसकी हिस्सा राशि की मांग कर रहे है,लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही। पांच जिलों में तो सरकार की हिस्सा राशि जीरो प्रतिशत है। बैंकों के लिए नाबार्ड की हिस्सेदारी भी परेशानी बनी हुई है। पहले 55 प्रतिशत पुनर्भरण करने वाला नाबार्ड अब मात्र 40 प्रतिशत ही पुनर्भरण कर रहा है।

राज्य सरकार निरंतर इसे बढ़ाने की मांग कर रही है। इसके साथ ही नाबार्ड से होने वाले पुनर्भरण में तीन से चार माह की देरी भी हो रही है। ऐसे हालात में सरकार के लिए अधिकतम कर्ज वितरण का टारगेट रहेगा। उल्लेखनीय है कि साल,2013 में तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार ने 17 हजार करोड़ रूपए के सहकारी कर्जे बांटे थे। वहीं वसुंधरा सरकार ने करीब 15 हजार करोड़ के कर्ज वितरित किए थे। अब बैंकों की खराब आर्थिक हालत और कर्ज माफी के साथ अधिकतम लोन वितरित करना भी सरकार के लिए मुश्किल होगा।  


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