राजस्थान में किसानों की आत्महत्याओं का सिलसिला जारी
लहसुन के कम भाव मिलने और कर्ज के बोझ से परेशान होकर राजस्थान में किसानों की आत्महयाओं का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है ।
जयपुर, जागरण संवाददाता। लहसुन के कम भाव मिलने और कर्ज के बोझ से परेशान होकर राजस्थान में किसानों की आत्महयाओं का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इस साल जनवरी से लेकर अब तक प्रदेश में 10 किसानों ने आत्महत्याएं की है।
आत्महत्या करने वालों में कोटा संभाग के 7 किसान शामिल है। इनमें 5 किसान बांरा जिले के दौर 2 किसान कोटा जिले के है। शेष प्रदेश के अन्य क्षेत्रों के है ।बुधवार रात काोबारां जिले में लहसुन के कम भावों ने एक और किसान की जान ले ली। लहसुन के सही दाम नहीं मिलने से परेशान होकर बुधवार देर रात बांरा जिले के बलदेवपुरा गांव में एक किसान चतुर्भुज मीणा ने आत्महत्या कर ली।
परिजनों के अनुसार वह लहसुन लेकर मण्डी गया था और वहां बहुत कम भाव सुन कर लौट आया था । लेकिन आने के बाद परेशान था और रात को उसने जहर खा लिया। तबीयत बिगड़ने पर उसे कोटा ले जाया गया, लेकिन उन्होने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। पिछले पांच माह में अब तक बांरा जिले में 5 किसानों ने आत्महत्या की है । इनमें से महावीर नागर और सहदेव ने कर्ज से परेशान होकर,वहीं रेवड़ीलाल मेघवाल और जयसिंह ने लहसुन के सही दाम नहीं मिलने के कारण आत्महत्या की है।
इसी तरह कोटा के सुल्तानपुर में सोहनलाल एवं मांगीलाल ने भी अप्रेल में लहसुन के सही दाम नहीं मिलने के कारण आत्महत्या की थी। उल्लेखनीय है कि इस बार कोटा संभाग में लहसुन की बम्पर फसल हुई है,लेकिन इसके सही दाम नहीं मिल पाने के कारण किसानों को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है । राज्य के कृषिमंत्री प्रभुलाल सैनी का कहना है कि किसानों की आत्महत्या का कारण केवल कर्ज और लहसुन के सही दाम नहीं मिलना ही नहीं,कुछ अन्य भी हो सकते है । सरकार ने लहसुन के खरीद केन्द्र खोले है।