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Farmers Protest : शीतलहर से कांपा राजस्थान, तेज ठंड और ओस की बूंदों से छूटी किसानों की कंपकंपी

शाहजहांपुर-खेड़ा बॉर्डर पर किसानों की बढ़ने लगी संख्या कृषि कानूनों के खिलाफ राजस्थान में अलवर जिले के शाहजहांपुर-खेड़ा बॉर्डर पर किसानों का पड़ाव जारी है। किसान दिल्ली कूच करना चाहते हैं लेकिन हरियाणा पुलिस ने बेरिकेट्स लगाकर उन्हे रोक रखा है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 16 Dec 2020 01:25 PM (IST)Updated: Wed, 16 Dec 2020 01:25 PM (IST)
Farmers Protest : शीतलहर से कांपा राजस्थान, तेज ठंड और ओस की बूंदों से छूटी किसानों की कंपकंपी
शीतलहर से से छूटी किसानों की कंपकंपी

जयपुर, जागरण संवाददाता। कृषि कानूनों के खिलाफ राजस्थान में अलवर जिले के शाहजहांपुर-खेड़ा बॉर्डर पर किसानों का पड़ाव जारी है। किसान दिल्ली कूच करना चाहते हैं, लेकिन हरियाणा पुलिस ने बेरिकेट्स लगाकर उन्हे रोक रखा है। इसी बीच बुधवार को श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ व झुंझुनूं जिलों से कुछ और किसान पड़ाव स्थल पर पहुंचे। पिछली रात शाहजहांपुर और आसपास के इलाकों में तापमान 4 डिग्री सेल्सियस था। तेज सर्दी और गिरती ओस की बूंदों के बीच रजाई के अंदर भी किसानों की कंपकंपी छूटती रही। दो दिन से तेज सर्दी का अहसास होते ही रात के समय महिलाओं को तो आसपास के गांवों में भेज दिया जाता है, लेकिन पुरूष किसान पड़ाव स्थल पर ही मौजूद रहते हैं।

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तेज सर्दी के कारण मंगलवार देर रात भीलवाड़ा के दो किसानों की तबीयत बिगड़ गई, जिन्हे प्राथमिक उपचार के बाद वापस घर भेज दिया गया। रात ही नहीं दिन में भी शीतलहर का अहसास हो रहा है। सर्दी से बचाने के लिए किसान रात में अलाव जलाते हैं, वहीं दिन में जहां खाना बनता है उसके आस-पास बैठकर किसान लोकगीतों से अपना मनोरंजन करते हैं। बीच-बीच में किसान नेताओं के भाषण व सरकार विरोधी नारों का दौर चलता रहता है।

स्थानीय लोग किसानों की मदद कर रहे हैं। युवक कांग्रेस के कार्यकर्ता चाय और गर्म पानी का प्रबंध कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि शाहजहांपुर हाईवे के चारों तरफ हमेशा ही सर्दी का अहसास होता है, क्योंकि यहां आस-पास सैंकड़ों बीघा तक खेती है। किसान आंदोलन में बुजुर्ग किसान भी शामिल हो रहे हैं। ऐसे में उन्हे सर्दी से बचाने के लिए युवा पूरा प्रबंध कर रहे हैं। स्थानीय लोगों की मदद से हाईवे से कुछ दूरी पर टेंट भी लगाए गए हैं। बुजुर्ग किसानों को आसपास के गांवों से रजाई मंगवाकर दी गई है।

राष्ट्रीय किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट का कहना है कि यहां पहुंचने वाले किसान अपने साथ भोजन और बिस्तर लेकर आए हैं। जब तक केंद्र सरकार अपना निर्णय नहीं बदल देती तब तक आंदोलन जारी रहेगा । उधर सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया ने किसान आंदोलन के समर्थन में अभियान चलाने की घोषणा की है।

9 जिलों में शीतलहर की चेतावनी

प्रदेश में चल रही ठंडी हवाओं ने गलन बढ़ा दी है। श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़,जैसलमेर और जयपुर में गत रात्रि अब तक की सबसे ठंडी रात रही। श्रीगंगानगर में न्यूनतम तापमान 2.5 डिग्री सेल्सियस,जैसलमेर में 5.3 और जयपुर में 9 डिग्री दर्ज किया गया । प्रदेश के एकमात्र पर्वतीय पर्यटन स्थल माउंट आबू में न्यूनतम तापमान 1.4 डिग्री दर्ज किया गया।

बीकानेर,चूरू, सीकर व पिलानी में तापमान 10 डिग्री से नीचे आ गया है। मौसम विभाग ने आगामी दो दिन में प्रदेश के 9 जिलों के शीतलहर की चपेट में आने की चेतावनी दी है है। इनमें सीकर, झुंझुंनूं, चूरू, श्रीगंगानगर, भरतपुर, हनुमानगढ़, बीकानेर, नागौर व अलवर शामिल हैं। 


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