Farmers Protest: कांग्रेस सरकार के समर्थन के बावजूद शाहजहांपुर बॉर्डर पर नहीं पहुंच रहे किसान
Farmers Protest कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आदाेंलन राजस्थान में नहीं जम पा रहा है । राजस्थान की कांग्रेस सरकार के सहयोग और समर्थन के बावजूद किसान आंदोलन से नहीं जुड़ पा रहे हैं । कांग्रेस और माकपा नेता समर्थन जुटाने में जुटे
जयपुर, जागरण संवाददाता। कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आदाेंलन राजस्थान में नहीं जम पा रहा है। राजस्थान की कांग्रेस सरकार के सहयोग और समर्थन के बावजूद किसान आंदोलन से नहीं जुड़ पा रहे हैं। कांग्रेस सरकार के समर्थन के कारण ही राजस्थान जाट महासभा के अध्यक्ष राजाराम मील पिछले कई दिनों से अपने साथियों के साथ शाहजहांपुर बॉर्डर पर बैठे हैं,हालांकि उनके साथियों की संख्या में लगातार कमी हो रही है। राजाराम मील कांग्रेस के पूर्व विधायक गंगाजल मील और सरकार के निकट माने जाने वाले कारोबारी सुरजाराम मील के बड़े भाई है। मील परिवार के दामाद अमित ढ़ाका मुख्यमंत्री सचिवालय में तैनात है।
पंजाब कैडर के आईएएस अधिकारी ढ़ाका तीन साल की प्रतिनियुक्ति पर राजस्थान आए हैं। सरकार में होने वाले राजनीतिक फैसलों में ढ़ाका की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। राजाराम मील जाट बहुल इलाकों में बार-बार संदेश पहुंचाकर लोगों को शाहजहांपुर बॉर्डर पर पहुंचने की अपील कर रहे हैं, लेकिन किसान नहीं पहुंचे रहे। जाट बहुल नागौर, बीकानेर, सीकर, झुंझुंनू और भरतपुर जिलों में भी किसान आंदोलन आंदोलन का असर देखने का नहीं मिल रहा। हालांकि पंजाब और हरियाणा से सटे श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिलों से जरूर कुछ किसान शाहजहांपुर बॉर्डर पर पहुंचे थे, लेकिन अब वे लौटने लगे हैं। माकपा किसान आंदोलन को हवा देने में लगी है। हालांकि माकपा के प्रभाव वाले सीकर जिले से भी किसान आंदोलन से नहीं जुड़ पा रहे।
आंदोलन में किसानों के नहीं जुटने से चिंतित आंदोलन से जुड़े नेता अब समर्थन जुटाने के लिए जिलों में जा रहे हैं। किसान नेता राकेश टिकैत पिछले सप्ताह अलवर आ कर गए और अब अब माकपा नेता अमराराम की पहल पर वे 23 फरवरी को सीकर पहुंचेंगे। माकपा के पूर्व विधायक अमराराम व पेमाराम प्रदेश के शेखावाटी क्षेत्रों में घूमकर किसानों को शाहजहांपुर बॉर्डर पर पहुंचे का आग्रह करने में जुटे हैं।
उधर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने शाहजहांपुर से सटे इलाकों के पार्टी विधायकों एवं अग्रिम संगठनों के जिला अध्यक्षों को प्रतिदिन आंदोलन स्थल पर पहुंचने को लेकर ड्यृटी सौंपी है। अलवर युवक कांग्रेस के कार्यकर्ता नियमित रूप शाहजहांपुर बॉर्डर पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। वहीं कृषि कानूनों के खिलाफ सबसे शाहजहांपुर बॉर्डर पर पहुंचे किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट अब आंदोलन से अलग हो गए हैं। जाट ने यह कहते हुए खुद को आंदोलन से अलग किया कि वे इसका राजनीतिकरण नहीं चााहते हैं ।