राजस्थान में जल्द ही जेलों में बंद कैदियो के दिन फिरेंगे, बढ़ेंगी सुविधाएं
राजस्थान में जल्द ही जेलों में बंद कैदियो के दिन फिरेंगे और सरकार जेलों की हालत सुधारने पर ध्यान देगी। बुजुर्ग कैदियों को सोने के लिए चारपाइयां मिलेंगी।
जयपुर, मनीष गोधा। राजस्थान में जल्द ही जेलों में बंद कैदियो के दिन फिरेंगे और सरकार जेलों की हालत सुधारने पर ध्यान देगी। अच्छे चाल-चलन वाले जिन कैदियों ने एक तिहाई सजा पूरी कर ली है, उन्हें खुली जेलों में भेजा जाएगा और बुजुर्ग कैदियों को सोने के लिए चारपाइयां मिलेंगी। इनके अलावा भी कई तरह के सुधार जेलों में किए जाएंगे।
दरअसल जेलों का हाल सुधारने के लिए राजस्थान में हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका पर सुनवाई भी चल रही है और हाईकोर्ट ने जेलों की हालत जानने के लिए एक अधिवक्ता को न्यायमित्र भी नियुक्त कर रखा है। न्यायमित्र ने अपनी रिपोर्ट में कई तरह के सुझाव कोर्ट दिए हुए है। इसी आधार पर सरकार ने भी जेलों की दशा सुधारने और कैदियों कीसुविधाएं बढाने की घोषणा की है।
सरकार के संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने विधानसभा में जेल विभाग के बजट पर हुई चर्चा के दौश्रान बताया कि प्रदेश की जेलों में विभिन्न प्रकार के सुधार किए जाएंगे। इसमें सबसे बडा काम यह होगा कि जिन कैदियों ने एक-तिहाई सजा पूरी कर ली है उन्हें खुला बंदी शिविरों यानी खुली जेलों में भेजा जाएगा। इस काम में कैदियों के चयन के लिए सरकार ने एक समिति का गठन किया है। यह समिति कैदी का पिछला रिकाॅर्ड देख कर उसे जेल से खुली जेल में भेजने की सिफारिश करेगी। इसके अलावा ऐसे बंदी जो अधिक उम्र के हैं और जमीन पर नहीं सो सकते उन्हें चारपाई उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही बड़े कारागारों में हर 500 बंदियों पर अलग से रसोईघर बनाएं जाएंगे तथा भोजन सुधारने का भी प्रयत्न किया जा रहा है।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने भी कैदियों के भोजन की गुणवत्ता पर सबसे ज्यादा आपत्ति की थी और इसे सुधारने के निर्देश दिए थे, क्योंकि न्यायमित्र की रिपोर्ट में सबसे ज्याद शिकायत कैदियों को दिए जा रहे भोजन की गुणवत्ता को लेकर ही सामने आई थी। इसके साथ ही सरकार कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने का भी विचार रखती है।
हालांकि इसके लिए ज्यादातर जेलों में पहले से ही कई तरह के कामों की ट्रेनिंग कैदियों को दी जा रही है।जयपुर में तो कैदियों के बनाए सामान की दुकान भी संचालित है जो जयपुर जेल के बाहर ही चलती है और यहां कैदियों के बनाए दरियां, लकडी का सामान, लोहे का सामान आदि बेचा जाता है।
इसके साथ ही हार्डकोर अपराधियों के मामलों में उन्हें सुनवाई या गवाही के लिए ले जाने के बजाए जेलों में ही वीडियो कांफ्रेंसिंग से उनकी सुनवाई की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए प्रदेश की 25 जेलों का चुना जाएगा। इससे हार्डकोर अपराधियों को लाने ले जाने के लिए किए जाने वाले सुरक्षा प्रबंध की जरूरत नहीं रहेगी और सरकार का काफी पैसा भी बचेगा।
विधानसभा में मंत्री धारीवाल ने कहा कि कारागरों में बंदियों तक हथियार पहुंचने पर रोक लगाने तथा निगरानी व्यवस्था विकसित करने के लिए भी सरकार ने एक समिति का गठन किया है। उन्होंने कहा कि कारागारों में मोबाइल, मादक पदार्थ तथा संदिग्ध सामग्री मिलने पर 20 अधिकारियों तथा कर्मचारियों पर सीसीए नियम 17 के तहत कार्यवाही करते हुए नोटिस दिया गया है तथा सात अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। ऐसेे ही मामलों में 25 अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध सीसीए नियम 16 के अंतर्गत कार्यवाही की गई है।
हर जिले में अनुसूचित जनजाति कोर्ट- मंत्री धारीवाल ने बताया कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के विरुद्ध अपराध मामलों के त्वरित निस्तारण के लिए 6 विशेष न्यायालय खोले जा रहे हैं। इसके बाद राज्य के हर जिले में ऐसे न्यायालय कार्यरत हो जाएंगे। महिलाओं और बच्चों के प्रति यौन अपराध मामलों के त्वरित निस्तारण के लिए 47 अतिरिक्त फास्ट ट्रैक न्यायालय खोलने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा राज्य के विभिन्न स्थानों पर विभिन्न श्रेणियों के 33 न्यायालय भी खोले जाएंगे।