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राजस्थान में पंचायत चुनाव के लिए प्रत्याशियों की खर्च सीमा दोगुनी तक बढ़ाई

राजस्थान में आने वाले जनवरी फरवरी में होने वाले पंचायत चुनाव की खर्च सीमा दोगुनी तक बढ़ा दी गई है। अब पंचायत के सरपंच का चुनाव लडने वाले प्रत्याशी भी 50 हजार तक खर्च कर सकेंगे

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 03 Dec 2019 03:14 PM (IST)Updated: Tue, 03 Dec 2019 03:14 PM (IST)
राजस्थान में पंचायत चुनाव के लिए प्रत्याशियों की खर्च सीमा दोगुनी तक बढ़ाई
राजस्थान में पंचायत चुनाव के लिए प्रत्याशियों की खर्च सीमा दोगुनी तक बढ़ाई

जयपुर, मनीष गोधा। राजस्थान में आने वाले जनवरी फरवरी में होने वाले पंचायत चुनाव की खर्च सीमा दोगुनी तक बढ़ा दी गई है। अब पंचायत के सरपंच का चुनाव लडने वाले प्रत्याशी भी 50 हजार तक खर्च कर सकेंगे। हालांकि वाहन, लाउडस्पीकर, पोस्टर, बैनर आदि के उपयोग पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए है। चुनाव के लिए 15 दिसम्बर तक आचार संहिता लगने की सम्भावना है।

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राजस्थान में निकाय चुनाव की समाप्ति के बाद अब राजस्थान राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव की तैयारी में लग गया है। इसी के तहत हर रोज नए निर्देश जारी किए जा रहे है। आयोग ने पंचायत से लेकर जिला परिषद तक के चुनाव में चुनाव लडने की खर्च सीमा बढ़ा दी है। राजस्थान में जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य और सरपंच के चुनाव के लिए खर्च सीमा निर्धारित की जाती है। इस खर्च सीमा में 2014 के चुनाव के मुकाबले दोगुने तकी बढ़ोतरी की गई है। 2014 में जिला परिषद सदस्य के लिए खर्च सीमा 80 हजार थी, जिसे बढ़ा कर डेढ लाख कर दिया गया है, वहीं पंचायत समिति सदस्य के लिए 40 हजार खर्च निर्धारित था, जिसे बढ़ा कर 75 हजार कर दिया गया है। इसी तरह सरपंच पद के लिए पिछले चुनाव में 20 हजार खर्च सीमा निर्धारित की गई थी, इसे बढ़ा कर इस बार 50 हजार कर दिया गया है। प्रत्याशियों को परिणाम की घोषणा के 15 दिन के भीतर अपने खर्च की जानकारी सम्बन्धित जिला निर्वाचन अधिकारी को देनी होगी। चुनाव खर्च में गडबडी की शिकायत भी की जा सकेगी और तहसीलदार स्तर के अधिकारी से इसकी जांच कराई जाएगी।

हालांकि आयेाग ने चुनाव खर्च की सीमा तो बढ़ा दी है, लेकिन प्रत्याशियों द्वारा किए जाने वाले खर्च पर कई तरह के प्रतिबंध भी लगाए गए है। जैसे बस, ट्रक, मिनी बस, मेटाडोर या किसी भी तरह पशुचलित वाहन का उपयोग प्रत्याशी पूरे चुनाव के दौरान नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा जिला परिषद सदस्य के प्रत्याशी अधिकतम तीन, पंचायत समिति सदस्य अधिकतम दो और सरपंच सिर्फ एक वाहन का ही उपयोग कर सकेेंगे। तीन से ज्यादा वाहनों की रैली नहीं निकलाी जा सकेगी और मतदान के दिन वाहन के उपयोग के लिए जिम्मेदार अधिकारी से अनुमति लेनी होगी। इसी तरह चुनाव कार्यालय में लाउडस्पीकर का उपयोग नहीं किया जाएगा। वहीं कट आउट, बैनर आदि भी सीमित संख्या में ही इस्तेमाल किए जा सकेंगे और किसी निजी सम्पत्ति पर इन्हें लगाने से पहले सम्बन्धित व्यक्ति की अनुमति लेनी होगी।

पूरा चुनाव ईवीएम से होगा-

इस बार राजस्थान में पहली बार सभी पंचायतों में ईवीएाम से चुनाव कराने की तैयारी की जा रही है। सरकार ने चुनाव में ईवीएम लाने के लिए 15 करोड़ रुपये का बजट जारी कर दिया है। अब राज्य चुनाव आयोग जल्द ही भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड से ईवीएम मशीनें लेगा। राजस्थान में पिछली बार पंचायत चुनाव ईवीएम से कराए गए थे, लेकिन उस समय भी सभी जिलों में ईवीएम का इस्तेमाल नहीं किया गया था। सिर्फ 16 जिलो में ही ईवीएम का इस्तेमाल किया गया था, लेकिन इस बार पूरे राज्य में ईवीएम का इस्तेमाल किया जाएगा।

राज्य निर्वाचन आयोग 1 लाख 10 हजार मशीनें किराए पर लेगा। यह सभी मशीनें महाराष्ट्र, उड़ीसा ओर बिहार से आएंगी। आयोग के अनुसार, पंचायत समिति और जिला परिषद सदस्यों के लिए 45- 45हजार ईवीएम की जरूरत पड़ेगी. वहीं 20 हजार ईवीएम रिजर्व रखी जाएंगी। इसके साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग नई ईवीएम भी खरीदेगा। इसके लिए राज्य सरकार ने 19 करोड़ रुपये का बजट जारी कर दिया है। नई ईवीएम समय से आ जाती है तो सरपंच के चुनाव भी ईवीएम से कराए जा सकते हैं।


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