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Rajasthan: दो हजार संस्थाओं में अंग्रेजी व विज्ञान की पढ़ाई उपग्रह के माध्यम से करवाएंगे विशेषज्ञ

English and science studies. सरकारी स्कूलों मदरसों आदि में अंग्रेजी और विज्ञान की पढ़ाई के लिए उपग्रह से शिक्षा की व्यवस्था कराई जाएगी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 30 Dec 2019 12:15 PM (IST)Updated: Mon, 30 Dec 2019 12:15 PM (IST)
Rajasthan: दो हजार संस्थाओं में अंग्रेजी व विज्ञान की पढ़ाई उपग्रह के माध्यम से करवाएंगे विशेषज्ञ
Rajasthan: दो हजार संस्थाओं में अंग्रेजी व विज्ञान की पढ़ाई उपग्रह के माध्यम से करवाएंगे विशेषज्ञ

जयपुर, ब्यूरो। English and science studies. राजस्थान में दो हजार सरकारी स्कूलों, मदरसों आदि में अंग्रेजी और विज्ञान की पढ़ाई के लिए उपग्रह (सैटेलाइट) से शिक्षा की व्यवस्था कराई जाएगी। इसके जरिए छात्रों को इन विषयों के विशेषज्ञों से पढ़ने का मौका मिल सकेगा। राजस्थान में दूरदराज के स्कूलों, मदरसों और शिक्षण संस्थाओं में शिक्षकों की कमी के कारण छात्रों को विज्ञान और अंग्रेजी की शिक्षा सही ढंग से नहीं मिल पाती। इसी को देखते हुए राजस्थान के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने उपग्रह के जरिए शिक्षण की व्यवस्था की है।

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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की शासन सचिव मुग्धा सिन्हा ने बताया कि पहले चरण में उच्च शिक्षा विभाग, शिक्षा, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक, महिला बाल विकास एवं जनजातीय विभाग के अंतर्गत आने वाले करीब 2000 दूरदराज के विद्यालयों एवं मदरसों आदि में विषय विशेषज्ञों की सेवाएं आरओटी (रिसीव ओनली टर्मिनल) एवं एसआईटी (सैटेलाइट इंटरेक्टिव टर्मिनल) के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। सिन्हा ने बताया कि प्रारंभिक स्तर पर लागू किए जाने वाले इस कार्यक्रम से कक्षा छह से बारहवीं तक के विद्यार्थियों का अंग्रेजी एवं विज्ञान विषयों का स्तर बढ़ाया जाएगा, ताकि 10वीं एवं बारहवीं बोर्ड में बेहतर परिणाम प्राा हो सके।

उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से सरकारी मॉडल स्कूल, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों, समाज कल्याण विभाग के छात्रावासों, बालगृहों, जिले के एक सरकारी कॉलेज के विद्यार्थियों को सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही आदिवासी क्षेत्रों, मदरसों, एवं एसआईटी से जोड़कर पढ़ाई करवाई जाएगी। इसके साथ ही संबंधित विभागों में सैटेलाइट के संसाधन लगाने के बाद समाज कल्याण विभाग की योजनाओं की जानकारी, वृद्धाश्रम एवं बालगृहों में उपलब्ध करवाई जाएगी। वहीं, विभाग के अंतर्गत संचालित आठ कम्युनिटी रेडियो स्टेशनों के माध्यम से भी इंटरनेट विहीन एवं दूरस्थ इलाकों में शिक्षा से जुड़ी योजनाओं का भी प्रचार-प्रसार किया जाएगा। ऐसा होने से यहां के छात्र और छात्राओं को राहत मिल सकेगी। उन्हें पढ़ने के लिए दूरदराज नहीं जाना पड़ेगा।

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