शिक्षाविदें ने कहा - बसंत पंचमी पर चुनाव का निर्णय सही नहीं
शिक्षाविदें ने कहा कि बसंत पंचमी को स्कूलों में देवी सरस्वती की पूजा की जाती है और शिक्षा विभाग गार्गी पुरस्कार देकर बालिकाओं को सम्मानित करता है
उदयपुर। राज्य निर्वाचन आयोग के पंचायतीराज चुनाव के तीसरे चरण के तहत 29 जनवरी को सरपंचों के चुनाव के निर्णय को शिक्षाविदें ने गलत निर्णय ठहराया है। शिक्षाविदें का कहना है कि 29 जनवरी को बसंत पंचमी है और इस दिन स्कूलों में विद्या की देवी सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है।
वहीं शिक्षा विभाग की ओर से हर साल इसी दिन बालिकाओं को गार्गी पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। सरपंच के चुनाव के चलते ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में इस दिन अवकाश रहेगा जो शैक्षणिक परम्परा ही नहीं, बल्कि भारतीय परम्परा के विपरीत है। शिक्षाविदें की राय है कि इसकी जगह दो फरवरी को चुनाव कराए जा सकते हैं।
शिक्षाविद् डॉ. श्रीकृष्ण जुगनू का कहना है कि बसंत पंचमी को मां सरस्वती की पूजा एवं गार्गी पुरस्कार आयोजित करने का ही दिन नहीं, बल्कि बसंत पंचमी शादी के लिए अबूझ मुहूर्त वाला दिन भी होता है। ग्रामीण लोग ज्यादातर अबूझ मुहूर्त वाले दिन ही अपने बच्चों की शादी करते आए हैं। जिसके चलते कई लोग मतदान नहीं कर पाएंगे।
ऐसे में जरूरी है कि राज्य निर्वाचन आयोग इस तिथि की बजाय अन्य दिन सरपंच चुनाव के लिए तय करे। इससे
विशेष फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन शैक्षणिक परम्परा भी कायम होगी, वहीं लोगों के मतदान करने का अधिकार भी सुरक्षित रहेगा।
शिक्षक नेता बाबूलाल का कहना है कि राज्य निर्वाचन आयोग को पहले से ही इस बात का ख्याल रखना चाहिए था। यह दिन शिक्षक और बच्चों के लिए महत्वपूर्ण है। यह परम्परा कभी टूटी नहीं और ना ही टूटनी चाहिए। यह दिन स्कूलों में त्योहार के रूप में मनाया जाता है। इधर, शिक्षक नेता भंवर सेठ का कहना है कि राज्य निर्वाचन आयोग को तत्काल इस विषय पर गौर करना चाहिए तथा इस दिन की बजाय मतदान किसी अन्य दिनों में कराया जाना चाहिए। यह जिम्मेदारी शिक्षकों या शिक्षा विभाग की ही नहीं, बल्कि सरकार के साथ राज्य निर्वाचन आयोग की भी है कि वह विशेष दिनों को लेकर निर्णय करने से पहले विचार करे।
इस मामले में माध्यमिक शिक्षा के उप निदेशालय से बात की गई तो उन्होंने किसी प्रकार की राय देने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग का निर्णय है। शिक्षा विभाग हर साल बसंत पंचमी पर पढ़ाई में उत्कृष्ट बालिकाओं को गार्गी पुरस्कार से सम्मानित करती आ रही है। सम्मान पाने वाली छात्राओं के नाम मंगाए जा चुके हैं लेकिन सम्मान समारोह आयोजित होगा या नहीं, फिलहाल कहा नहीं जा सकता।