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Rajasthan: कोटा में साल 2000 में रह रहे आठ पाकिस्तानियों को मिलेगी नागरिकता

Kota District Collector. राजस्थान के कोटा में साल 2000 से रह रहे आठ पाकिस्तानियों को नागरिकता प्रदान करने के आदेश दिए गए हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Tue, 31 Dec 2019 12:12 PM (IST)Updated: Tue, 31 Dec 2019 12:12 PM (IST)
Rajasthan: कोटा में साल 2000 में रह रहे आठ पाकिस्तानियों को मिलेगी नागरिकता
Rajasthan: कोटा में साल 2000 में रह रहे आठ पाकिस्तानियों को मिलेगी नागरिकता

जयपुर, एएनआइ। Kota District Collector. राजस्थान में कोटा के डीएम ओम प्रकाश कसेरा के मुताबिक, पाकिस्तान से आए आठ लोग साल 2000 से यहां रह रहे हैं। राज्य सरकार के गृह विभाग ने उन्हें नागरिकता प्रदान करने के आदेश जारी किए हैं। 

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राजस्थान में लागू नहीं होंगे सीएए और एनआरसी: सीएम अशोक गहलोत

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) के खिलाफ जयपुर की सड़कों पर गत रविवार को कांग्रेस, कई विपक्षी दलों, सामाजिक और मुस्लिम समुदाय के संगठनों की ओर से शांति मार्च निकाला गया। शांति मार्च के बाद हुई सभा में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्पष्ट तौर कहा कि राजस्थान में सीएए और एनआरसी लागू नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देशभर में दोनों को लेकर जिस तरह से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, खुद एनडीए के साथी दलों की सरकारें इसे लागू नहीं कर रही हैं, ऐसे में केंद्र सरकार को जनभावनाओं को समझते हुए इस कानून को वापस लेना चाहिए। सीएए और एनआरसी लागू नहीं करने की स्पष्ट घोषणा करनी चाहिए।

गौरतलब है कि जयपुर में दो दिन पहले भाजपा ने सीएए के समर्थन में रैली निकाली थी। रविवार को कांग्रेस, माकपा, भाकपा, जनता दल सेक्युलर, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी जैसे राजनीतिक दलों और पीयूसीएल, जमाते इस्लामी हिंद सहित कई मानवाधिकार और सामाजिक व मुस्लिम संगठनों ने संयुक्त शांति मार्च का आयोजन किया। जयपुर के अल्बर्ट हॉल से शुरू हुए इस मार्च की अगुवाई मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष तथा उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने की। सरकार के सभी मंत्री और साथी दलों के नेता भी मार्च में शामिल थे। मार्च जयपुर के जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर निकला और महात्मा गांधी के मूर्ति स्थल पर समाप्त हुआ। मार्च में करीब दो से ढाई लाख लोगों ने शिरकत की। मार्च पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा और किसी तरह की नारेबाजी नहीं की गई।

शांति मार्च के लिए सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए थे। जयपुर में इंटरनेट बंद रहा और चप्पे-चप्पे पर भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया। जयपुर में रविवार को मेट्रो संचालन भी बंद रहा और सार्वजनिक सिटी बसों को भी बंद कर दिया गया। व्यापार मंडलों ने अपनी ओर से ही बाजार बंद करने की घोषणा कर दी थी।

दहशत का वातावरण बनाकर मुख्यमंत्री ने निकाला शांति मार्च: भाजपा

सीएए और एनआरसी के विरोध में रविवार को जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अगुवाई में निकाले गए शांति मार्च पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा के राजस्थान प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने कहा कि सरकार के मुखिया ने जनता को घरों में कैद करके, इंटरनेट बंद कर दहशत का वातावरण बनाकर शांति मार्च निकाला है।

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