बेटी की शादी के कार्ड के माध्यम से समाज को जागरूक करने का प्रयास
सेवानिवृत प्रधानाध्यापक नेत्रपाल सिंह ने निमंत्रण पत्र के एक तरफ संविधान निर्माता डॉ.भीमराव अम्बेड़कर का चित्र छपवाया है,वहीं दूसरी तरफ 9 स्लोगन लिखवाए हैं।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में धौलपुर शहर के एक सेवानिवृत प्रधानाध्यापक समाज में बदलाव लाने के उद्देश्य से अपनी बेटी के विवाह के निमंत्रण पत्र पर बेटी-बचाओ-बेटी पढ़ाओ से लेकर एम्बुलेंस को रास्ता देने और विवाह में शराब का प्रयोग नहीं करने के कुल 9 स्लोगन छपवाएं हैं।
सेवानिवृत प्रधानाध्यापक नेत्रपाल सिंह ने निमंत्रण पत्र के एक तरफ संविधान निर्माता डॉ.भीमराव अम्बेड़कर का चित्र छपवाया है,वहीं दूसरी तरफ 9 स्लोगन लिखवाए हैं। नेत्रपाल सिंह की बेटी ऊषा का विवाह बुधवार को सम्पन्न हुआ,बिजली बचाने के लिए लिहाज से उन्होंने विवाह की अधिकांश रस्में भी दिन में ही पूरी करवा ली। बुधवार को कई स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने विवाह स्थल पर पहुंचकर नेत्रपाल सिंह को उनके द्वारा किए गए प्रयासों पर बधाई दी ।
विवाह में निम्न स्लोगन लिखवाए गए हैं-
1 शादी में शराब का प्रयोग नहीं करें
2 संघर्ष ही जीवन है
3 माता-पिता एवं अपने से बड़ों का सम्मान करें
4 कृपया एम्बुलेंस को रास्ता दें
5 एक कदम स्वच्छता की ओर
6 बेटी-बचाओ-बेटी-पढ़ाओ
7 जल ही जीवन है,पानी व्यर्थ न बहाएं
8 हैलमेट एवं सीट बैल्ट का प्रयोग करें
9 शौचालय का प्रयोग करें
पुलिसकर्मियों ने कराया दलित लड़की का विवाह
राजस्थान में टोंक जिले के दतवास पुलिस थाने में तैनात पुलिसकर्मियों ने एक दलित लड़की ममता का विवाह अपने खर्च पर कराया । इस दलित बच्ची के पिता बाबूलाल महावर की मौत बचपन में ही हो गई थी । करीब दो साल पहले उसके भाई रमेश की भी बीमारी के कारण मौत हो गई थी। इसके बाद से लड़की की मां बादामी देवी मेहनत-मजदूरी करके अपना और बेटी का पेट पालती थी।
बेटी बड़ी होने के बाद मां बादामी देवी को उसके विवाह की चिंता सताने लगी। इसी बीच एक दिन वह दतवास पुलिस थाने के पास मजदूरी कर रही थी कि उसने बेटी के विवाह को लेकर सबइंसपेक्टर दयाराम चौधरी से चर्चा की। दयाराम चौधरी ने बादामी देवी को विश्वास दिलाया कि उसकी बेटी के विवाह का समस्त खर्च थाने के पुलिसकर्मी वहन करेंगे । बुधवार को ममता का विवाह सम्पन्न हुआ और इसके लिए थाने में तैनात सभी 25 पुलिसकर्मियों ने 11-11 हजार रूपए का सहयोग किया । कुछ सहयोग ग्रामीणों ने भी किया ।