Rajasthan: आर्थिक संकट के चलते विकास कार्यों पर चल सकती है कैंची
Economic crisis in Rajasthan. वित्त विभाग के अधिकारियों का मानना है कि आर्थिक मंदी के चलते इस साल 14 हजार करोड़ रुपये का कम राजस्व सरकारी खजाने में आएगा।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। Economic crisis in Rajasthan. दुनिया की आर्थिक मंदी का असर राजस्थान सरकार के खजाने पर भी नजर आने लगा है। राज्य सरकार के वित्त विभाग को इस साल एक लाख 64 हजार करोड़ रुपये की राजस्व आय का लक्ष्य हासिल होता मुश्किल नजर आ रहा है। वित्त विभाग के अधिकारियों का मानना है कि आर्थिक मंदी के चलते इस साल 14 हजार करोड़ रुपये का कम राजस्व सरकारी खजाने में आएगा। वहीं, केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश के हिस्से के 11 हजार 826 करोड़ रुपये रोके जाने के बाद अशोक गहलोत सरकार की चिंता बढ़ गई है।
केंद्र द्वारा राशि रोके जाने और राज्य सरकार द्वारा तय लक्ष्य से कम राजस्व मिलने के कारण गहलोत सरकार ने एक जैसी कई योजनाओं को आपस में मिलाने और खर्च में कटौती करने का निर्णय लिया है। वित्त विभाग का जिम्मा संभाल रहे सीएम गहलोत ने 250 से अधिक योजनाओं की समीक्षा करने को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। राज्य के स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल का कहना है कि केंद्र सरकार से कई बार प्रदेश के हिस्से की राशि मांगी गई, लेकिन कांग्रेस सरकार होने के कारण राजस्थान सरकार के साथ भेदभाव किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो आर्थिक मंदी और दूसरी तरफ केंद्र सरकार से जीएसटी, सीएसटी व केंद्रीय योजनाओं का पैसा नहीं मिलने के कारण विकास कार्यों पर असर हो सकता है।
कर्मचारियों के वेतन के अलावा सभी भुगतान रोके
तीन लाख तीस हजार करोड़ रुपये के कर्जभार से जूझ रही अशोक गहलोत सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के वेतन-भत्तों के अलावा सभी तरह के अन्य भुगतान रोक दिए हैं। गहलोत सरकार की मुश्किल यह है कि एक तरफ तो कर्जभार लगातार बढ़ता जा रहा है एवं राजस्व कम मिल रहा है, वहीं दूसरी तरफ किसान कर्ज माफी और बेरोजगारी भत्ते का भुगतान करने को लेकर लगातार राजनीतिक दबाव बढ़ता जा रहा है। विधायक सड़क निर्माण, पेयजल आपूर्ति, स्कूल और अस्पताल भवन निर्माण की मांग कर रहे हैं। राज्य सरकार को खान, पेट्रोलियम, आबकारी, स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन आदि विभागों से आय होती है। लेकिन पेट्रोलिय विभाग के अतिरिक्त कोई अन्य विभाग तय लक्ष्य के मुताबिक राजस्व हासिल नहीं कर पा रहे हैं।
पांच साल से सीएसटी का नहीं मिल रहा भुगतान
केंद्र सरकार ने प्रदेश के जीएसटी के हिस्से के चार हजार करोड़ और सीएसटी के 4478 करोड़ रुपये का भुगतान रोक रखा है। सीएसटी का भुगतान वित्तीय वर्ष 2013-14 से अब तक नहीं मिला, वहीं जीएसटी की हिस्सा राशि पिछले तीन माह से नहीं मिली है। इसके साथ ही केंद्रीय प्रवर्तित योजनाओं के अनुदान में मिलने वाली 3176 करोड़ रुपये की राशि अब तक नहीं मिली है।
जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार की ओर से अब प्रदेश के सभी सांसदों को पत्र लिखकर संसद में राज्य के हितों से जुड़े मुद्दे उठाने का आग्रह किया जाएगा। सांसदों से कहा जाएगा कि वे संसद में राज्य की हिस्सा राशि जारी करने की मांग भी केंद्र सरकार से करे।
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