Rajasthan Crime: नमक कारोबार में वर्चस्व की जंग के चलते कांग्रेस विधायक के भाई ने व्यापारी की हत्या करवाई
Rajasthan Crime हत्या के लिए हरियाणा से शूटर बुलायापांच गिरफ्तार। नमक कारोबार में वर्चस्व की जंग को लेकर राजस्थान सरकार के उप मुख्य सचेतक और कांग्रेस विधायक महेन्द्र चौधरी के बड़े भाई ने अपने विरोधी की हत्या करवा दी।
जागरण संवाददाता, जयपुर। नमक कारोबार में वर्चस्व की जंग को लेकर राजस्थान सरकार के उप मुख्य सचेतक और कांग्रेस विधायक महेन्द्र चौधरी के बड़े भाई ने अपने विरोधी की हत्या करवा दी। हत्या के लिए उसने हरियाणा से शूटर को बुलाया था। महेन्द्र मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी माने जाते हैं। मामला राजस्थान में नागौर जिले के नावां का है। यहां 14 मई को नमक कारोबारी और भाजपा नेता जयपाल पूनिया की हत्या हुई थी। बाजार से अपने घर जा रहे जयपाल को बोलेरो गाड़ी से उतारकर गोली मारी गई थी।
हत्या करने के बाद आरोपित फरार हो गया। भाजपा और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने इस मुददे पर चार दिन तक उपखंड कार्यालय के बाहर धरना दिया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष, सांसद हनुमान बेनीवाल धरने में शामिल हुए। मृतक जयपाल के स्वजनों एवं धरने पर बैठे लोगों ने मामले की सीबीआई से जांच करवाने और आरोपितों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की। सभी ने इस मामले में महेन्द्र के भाई पर शक जताया। इस बीच पुलिस ने जांच को गति देते हुए हत्याकांड का खुलासा किया। पुलिस जांच में पाया कि महेन्द्र के बड़े भाई मोती सिंह ने हरियाणा से शूटर बुलाकर जयपाल की हत्या कराई थी। पुलिस ने मोती सिंह सहित पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आधा दर्जन आरोपित फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।
जांच के लिए एसआईटी गठित
पुलिस उप अधीक्षक संजीव कटेवा ने बताया कि मोती सिंह(62) पुत्र हनुमान सिंह निवासी नावां, कुलदीप सिंह (48) पुत्र रतन सिंह निवासी पवेरा तहसील नांगल चौधरी हरियाणा, फिरोज कायमखानी(42) पुत्र भंवरू खां निवासी नावां, हनुमान माली (50) पुत्र किशनाराम निवासी मथानिया और हारून कायमखानी (40) पुत्र गफूर खान निवासी नावां को गिरफ्तार किया गया है । जयपाल को शनिवार दोपहर में गोली मारी गई थी। जयपाल नावां पुलिस थाने का हिस्ट्रीशीटर था।
दोनों के बीच पहले से विवाद था
जयपाल हत्याकांड का कारण मोती सिंह से उसका रुपयों का लेनदेन और नावां की नमक झील के क्षेत्र में वर्चस्व की लड़ाई है। दोनों के बीच वर्चस्व की लड़ाई लम्बे समय से चली आ रही थी। यहां की सरकारी जमीनों व सांभर साल्ट कंपनी की जमीन में बोरिंग और कब्जे को लेकर दोनों पक्षों के बीच कई बार विवाद हो चुके थे। पुलिस में कई मुकदमे दर्ज हुए थे। मामले की जांच के लिए पुलिस महानिदेशक ने पुलिस महानिरीक्षक राहुल प्रकाश के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया है। पांच आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद उपखंड कार्यालय पर दिया जा रहा धरना समाप्त कर दिया गया । मंगलवार देर शाम बेनीवाल अपने समर्थकों के साथ मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने पहुंचे थे । पुलिस ने उन्हे शहर में प्रवेश करने से पहले ही रोक लिया था। पुलिस आयुक्त आन्नद श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारियों ने बेनीवाल से बात की । इस बातचीत में जांच के लिए एसआईटी गठित करने पर सहमति बनी ।