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Rajasthan Coronavirus: कोरोना संक्रमण से बचाव व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेद महाविद्यालय के विशेषज्ञों ने बनाई औषधि

उदयपुर के आयुर्वेद महाविद्यालय की पहल इम्यूनिटी बूस्टिंग करेंगे तीन विशेष औषध योग

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 07:57 AM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 07:57 AM (IST)
Rajasthan Coronavirus: कोरोना संक्रमण से बचाव व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेद महाविद्यालय के विशेषज्ञों ने बनाई औषधि
Rajasthan Coronavirus: कोरोना संक्रमण से बचाव व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेद महाविद्यालय के विशेषज्ञों ने बनाई औषधि

उदयपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण से बचाव और रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोत्तरी के लिए उदयपुर के मदन मोहन मालवीय राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के विशेषज्ञों ने रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि (इम्यूनिटी बूस्टिंग) के लिए आयुर्वेदिक औषध योग तैयार किये हैं।

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प्राचार्य प्रो. महेश दीक्षित ने बताया कि आयुष मंत्रालय ने कॉविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए तुलसी, सौंठ, दालचीनी, कालीमिर्च से निर्मित आयुष क्वाथ का प्रयोग, दूध में हल्दी का प्रयोग एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता वृद्धि हेतु अश्वगंधा, गिलोय, मुलेठी, पिप्पली आदि रसायन द्रव्यों के उपयोग की गाइडलाइन जारी की है। जिसके तहत प्रथम चरण में तीन औषध योगों की 1500 किट, जिसमें नवरसायन योग, माउथ वॉश और नाक में डालने हेतु नेजल ड्रॉप का निर्माण महाविद्यालय की रसायनशाला में किया गया है। साथ ही इसकी मार्गदर्शिका भी तैयार की गई है।

जिसका विमोचन पुलिस महानिरीक्षक बिनीता ठाकुर और जिला कलक्टर आनंदी ने किया। यह औषधि महाविद्यालय के चिकित्सालयों में निःशुल्क होगी। प्राचार्य प्रो. महेश दीक्षित ने तीनों योगों के बारे में बताया।

मुखशोधक योग (माउथ वॉश)

इसके प्रयोग से गले और मुख में जमा कफ, जीभ और दाँतो में जमा हुआ मेल एवं मुँह की दुर्गन्ध व चिपचिपापन दूर हो जाता है। मुख के छाले, गले की खराश, टोंसिल्स, जी-मिचलाना, सुस्ती, अरुचि, जुकाम, गले एवं मुख के व्रण एवं जलन में लाभ होता है।

नवरसायन योग

नवरसायन योग के घटकों में एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इफ्लेमेंट्री, एंटी-बायोटिक एवं इम्यूनोमॉड्यूलेटर आदि गुण होने से यह संक्रमण को रोकने में एवं रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक हैं, ज्वर, जुकाम, खॉंसी, गले में खराष आदि, श्वसन संस्थान से संबंधित रोग जैसे गले के रोग, सांस लेने में कठनाई आदि, मानसिक तनाव को कम करने एवं अनिद्रा में लाभकारी है, पाचन संबधित रोग जैसे भूख न लगना, अपच आदि में कार्यकारी है, विषाक्त द्रव्यों को शरीर से बाहर निकालता है।

नस्यबिन्दु तैल (नेजल ड्रॉप)

इसके प्रयोग से टोक्सिंस या विषाक्त पदार्थो को बाहर निकाल कर रोगप्रतिरोधक शक्ति को बढता है। बार-बार छींकें आना, नाक बंद होना, सर्दी जुकाम, नजला, साइनस, टोंसिल्स, सिरदर्द, मानसिक तनाव, अनिद्रा, अर्धावभेदक, बालों का झड़ना, बालों का सफेद होना आदि रोगों में लाभ करता है। यह नस्य बिन्दु प्रदुषण के दुष्प्रभावों से बचाता है। 


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