Corona Vaccine: राजस्थान में साढ़े चार लाख स्वास्थ्यकर्मियों को लगाई जाएगी कोरोना वैक्सीनः डॉ. रघु शर्मा
Corona Vaccine चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने रविवार को मीडियाकर्मियों से बात करते हुए बताया कि कोविड वैक्सीनेशन का स्टोरेज पहले एयर कनेक्टिविटी वाले जयपुर उदयपुर व जोधपुर में किया जाएगा। यहां वैक्सीन को दो से आठ डिग्री तापमान में रखा जाएगा।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Corona Vaccine: राजस्थान में 16 जनवरी से शुरू होने वाले कोरोना के वैक्सीनेशन के पहले चरण में करीब साढ़े चार लाख स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगाई जाएगी। प्रदेश में 282 केंद्रों पर पहले चरण में वैक्सीनेशन किया जाएगा। इसके लिए चिकित्सा विभाग ने तैयारी पूरी कर ली है। चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने रविवार को मीडियाकर्मियों से बात करते हुए बताया कि कोविड वैक्सीनेशन का स्टोरेज पहले एयर कनेक्टिविटी वाले जयपुर, उदयपुर व जोधपुर में किया जाएगा। यहां वैक्सीन को दो से आठ डिग्री तापमान में रखा जाएगा। प्रदेश में 18 हजार से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीनेशन का प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होंने बताया कि कोविड वैक्सीनेशन स्टोर के तीन प्रदेश स्तरीय, सात संभाग स्तरीय व 34 जिला स्तरीय वैक्सीन स्टोर बनाए गए हैं।
सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 2,444 कोल्ड चेन पाइंट एक्टिव हैं। प्रत्येक जिले में एक वैक्सीन वैन उपलब्ध कराई गई है। वैक्सीनेशन के दौरान केंद्रों पर 108 एंबुलेंस मौजूद रहेगी। पहले चरण में वैक्सीनेशन के लिए 5,626 वैक्सीनेशन टीम को प्रशिक्षण दिया गया है। पहले चरण में 3689 सरकारी चिकित्सा संस्थानों और 2969 निजी क्षेत्र के चिकित्सा केंद्रों पर वैकसीनेशन के लिए चिन्हित किया गया है। इनमें से 3736 संस्थानों को वैक्सीनेशन पाइंट के तौर पर कोविड सॉफ्टवेयर पर अपलोड कर दिया गया है। एक सवाल के जवाब में शर्मा ने कहा कि जब केंद्र सरकार हमें वैक्सीन उपलब्ध करा रही है तो वैक्सीन को लेकर बेवजह सवाल नहीं उठाने चाहिए। वैक्सीन के ट्रायल हो गए हैं। उन्होंने बताया कि वैक्सीनेशन की तैयारियों के लिए पूर्व में ही जनप्रतनिधियों, चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को नामांकित कर दिया गया है।
गौरतलब है कि कोरोना काल में एक तरफ जहां लोग भय में जी रहे थे, वहीं दूसरी तरफ राजस्थान में जालौर के दो भाई-बहनों ने आठ माह में रामायण लिख दी। दोनों भाई-बहनों को रामायण के सभी भाग कंठस्थ याद हैं। कोरोना काल में दूरदर्शन पर प्रसरित हुए रामायण धारावाहिक को देखकर इसे कागज पर उतारने को लेकर दोनों भाई-बहनों के मन में आई। उन्होंने पेन और पेंसिल से यह काम शुरू किया। इसके लिए कुल 20 कॉपियों के 2150 पेज पर रामायण लिखी। नौ वर्षीय भाई माधव और छह साल की बहन अर्चना चौथी व तीसरी कक्षा में पढ़ते हैं। ये दोनों जालौर के आदर्श विद्या मंदिर के स्टूडेंट्स हैं।