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Rajasthan: मुस्लिम महिला को अस्पताल में भर्ती करने से चिकित्सकों का इन्कार, एंबुलेंस में प्रसव के बाद बच्चे की मौत

Muslim woman. प्रदेश के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने इस मामले में अपनी ही सरकार को घेरते हुए कहा कि यह बेहद शर्मनाक है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 04 Apr 2020 04:40 PM (IST)Updated: Sat, 04 Apr 2020 04:40 PM (IST)
Rajasthan: मुस्लिम महिला को अस्पताल में भर्ती करने से चिकित्सकों का इन्कार, एंबुलेंस में प्रसव के बाद बच्चे की मौत
Rajasthan: मुस्लिम महिला को अस्पताल में भर्ती करने से चिकित्सकों का इन्कार, एंबुलेंस में प्रसव के बाद बच्चे की मौत

नरेन्द्र शर्मा, जयपुर। Muslim woman. राजस्थान के भरतपुर जिला मुख्यालय पर स्थित जनाना अस्पताल में गर्भवती मुस्लिम महिला का चिकित्सकों ने इलाज करने से इन्कार कर दिया। महिला को चिकित्सकों एवं नर्सिंगकर्मियों ने यह कहते हुए अस्पताल से बाहर जाने को कह दिया कि आप मुस्लिम हो, जयपुर में प्रसव कराओ। महिला का पति अपनी पत्नी की खराब बिगड़ती हालत की दुहाई देता रहा, लेकिन चिकित्सकों ने रेफर कार्ड बनाकर जबरन अस्पताल से बाहर भेज दिया। एक प्रावइेट एंबुलेंस से महिला को लेकर उसका पति जयपुर के लिए रवाना हुआ। इसी बीच, भरतपुर से पांच किलोमीटर दूर महिला ने एंबुलेंस में ही बच्चे को जन्म दिया। सार-संभाल नहीं होने पर बच्चे ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

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प्रदेश के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने इस मामले में अपनी ही सरकार को घेरते हुए कहा कि यह बेहद शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग भरतपुर के विधायक है और इस तरह की घटना होना शर्मनाक है, मंत्री को इस पर जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले में जिम्मेदार डॉ पुनीत वालिया और अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। "दैनिक जागरण" से बातचीत में विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था में सुधार की जरूरत है। संवेदनशील सीएम और सरकार होने के बावजूद लोगों के साथ अन्याय हो रहा है।

जानें, क्या है मामला

विश्वेंद्र सिंह ने बताया कि भरतपुर जिले की नगर तहसील के बेलानगर गांव निवासी महिला प्रवीणा को लेकर उसका पति इरफान खान शनिवार सुबह भतरपुर जिला अस्पताल गया था। उस समय प्रवीणा की स्थिति अधिक खराब थी। चिकित्सक पहले तो प्रवीणा को भर्ती करने की प्रक्रिया शुरू करने लगी, लेकिन जैसे ही उसके पति ने अपना नाम इरफान खान और पत्नी का प्रवीणा बताया तो चिकित्सकों ने उसे भर्ती करने से इन्कार कर दिया। चिकित्सकों ने उसे जयपुर के लिए रेफर करते हएु कार्ड बना दिया। इरफान खान अपनी पत्नी की बिगड़ती हालत की दुहाई देता रहा, लेकिन उन्हें अस्पताल परिसर से बाहर निकाल दिया गया।

करीब आधा घंटे की जद्दोजहद के बाद इरफान खान प्राइवेट एंबुलेंस में प्रवीणा को लेकर जयपुर रवाना हुआ तो उसने पांच किलोमीर दूर चलने के बाद बच्चे को जन्म दिया, सही सार-संभार नहीं होने के कारण बच्चे की मौत हो गई। इरफान खान ने बताया कि बच्चे की मौत के बाद वह प्रवीणा को फिर वापस भरतपुर जनाना अस्पताल लेकर पहुंचा तो उसे बाहर ही बिठाए रखा। अस्पताल परिसर के बाहर महिला की बिगड़ती तबीयत को देखकर उसे भर्ती किया गया। इस बारे में अस्पताल अधीक्षक से बात करने का प्रयास किया गया,लेकिन उन्होंने इस प्रकरण को लेकर बात करने से इन्कार कर दिया। 

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