Move to Jagran APP

राजस्थान के मेवात में गोतस्करी,गोकशी और मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर नहीं लग रही लगाम

राजस्थान में एक माह पहले सरकार बदल चुकी है, लेकिन प्रदेश के मेवात इलाकों में गौ-तस्करी, गौकशी और मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं के ग्राफ में कोई बदलाव नहीं आया है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 23 Jan 2019 02:35 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 02:35 PM (IST)
राजस्थान के मेवात में गोतस्करी,गोकशी और मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर नहीं लग रही लगाम
राजस्थान के मेवात में गोतस्करी,गोकशी और मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर नहीं लग रही लगाम

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में एक माह पहले सरकार बदल चुकी है, लेकिन प्रदेश के मेवात इलाकों में गौ-तस्करी, गौकशी और मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं के ग्राफ में कोई बदलाव नहीं आया है। पिछले साल तक हुई इस तरह की घटनाओं के लिए चाहे तत्कालीन भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाता रहा हो,अब लेकिन सरकार बदले के बाद भी अलवर एवं भरतपुर जिलों के मेवात के हालात जस के तस है।

loksabha election banner

पिछले एक माह में अलवर जिले में गौतस्करी और गौकशी के 16 मामले पुलिस में दर्ज होने के साथ ही 100 से अधिक गायों को मुक्त कराकर गोशालाओं में भेजा जा चुका है। इनमें अलवर में 14 और भरतपुर जिलों में दो मामले दर्ज हुए है। उधर गोतस्करी रोकने के लिए पुलिस द्वारा बनाई गई विशेष गोरक्षा चौकी भी कारगर साबित नहीं हो पा रही है। अब राजस्थान पुलिस हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर टास्क फोर्स बनाने पर विचार कर रही है।

अलवर जिले में अधिक हो रही है घटनाएं

गोतस्करी के सबसे अधिक मामले पिछले दो साल में अलवर जिले में सामने आए है। इनमें पहलू खां का मामला तो पूरे देश में गूंजा था। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पिछले एक महीने में अकेले अलवर जिले में गौतस्करी और गौकशी के 14 मामले दर्ज होने के साथ ही करीब 100 से गायों को बरामद किया जा चुका है। अलवर जिले में 7 से 10 जनवरी के बीच 4 अलग-अलग जगहों पर कार्रवाई करते हुए 51 गौवंश बरमाद किए गए और 5 गौ-तस्करों को गिरफ्तार किया गया।

रैणी पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत भूड़ा गांव के तिराहे पर गौवंशों से भरा ट्रक गड्ढे में फंसा गया, जिसके बाद गौ-तस्कर ट्रक को मौके पर छोड़ कर फरार हो गए थे। ट्रक में 25 गौवंश भरे हुए थे। इसी तरह नीमराणा पुलिस ने कारवाही करते हुए दो ट्रकों से 22 गौवंश बरमाद किए थे और तीन गौ-तस्करों को गिरफ्तार किया था। इसके अलावा तिजारा में पुलिस ने कार्रवाई करते एक पिकअप गाड़ी से 4 गौवंश बरमाद कर दो गौ-तस्करों को गिरफ्तार किया था। किशनगढ़बास थाना क्षेत्र के बघेरी खुर्द गांव में ग्रामीणों ने एक कथित गोतस्कर की पिटाई कर मॉब लीचिंग की घटना को अंजाम दिया था। इससे 10 गायों को मुक्त कराया गया था। अलवर जिले में मॉब लीचिंग में अब तक 3 लोगों की मौत भी हो चुकी है।

पुलिस अधीक्षक बोले, लगाम लगाने के प्रयास जारी

अलवर के पुलिस अधीक्षक राजीव पचार का कहना है कि गौतस्करी रोकने के लिए क्राइम मीटिंग में निर्देश दिए है। हरियाणा से लगता हुआ इलाका होने के कारण दूसरे जिलों से तस्कर अलवर होकर हरियाणा जाते है, इसलिए भी अलवर में गौ-तस्करी के ज्यादा मामले सामने आते है। गोतस्करी की घटनाओं पर लगाम लगाने के प्रयास किए जा रहे है। उल्लेखनीय है कि अलवर और भरतपुर जिलों में पिछले 4 साल में गौ-तस्करी के 765 मामले दर्ज हुए है । इनमें 899 गोतस्करों की गिफ्तारी हुई है। अलवर में 2015 से 2018 तक कुल 458 मामले दर्ज हुए, इनमें 714 गौ-तस्कर गिरफ्तार किए गए। इसी तरह भरतपुर में 2015 से 2018 तक कुल 307 मामले दर्ज हुए । इनमें 185 गौ-तस्करों को गिरफ्तार किया गया।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.