एक मंडप में दिव्यांग दूल्हे ने 3 दुल्हनों से रचाई शादी
लिव इन रिलेशनशिप का प्रचलन केवल पाश्चात्य देशों में ही नहीं, बल्कि आदिवासी समुदाय में भी काफी है।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान के आदिवासियों में लिव इन रिलेशनशिप का प्रचलन काफी पुराना है । आदिवासी पुरूष और महिला कई सालों तक लिव इन रिलेशनशिप में रहने के बाद विवाह कर लेते है। इसी तरह का एक मामला उदयपुर के आदिवासी प्रभावित झाडोल तहसील के अडोल गांव में देखने को मिला। यहां एक दिव्यांग नक्कालाल कसौटिया (32 वर्ष) ने एक मंडप के नीचे तीन महिलाओं से शादी रचाई।
नक्कालाल इनमें से पहली महिला के साथ 12 साल से तो दूसरी के साथ 8 साल से लिव इन रिलेशनशिप में रह रहा था। वहीं तीसरी महिला के साथ वह एक वर्ष से लिव इन में रह रहा था। नक्कालाल को बचपन में पोलियो हो गया था । उसके जीवन में आई पहली महिला अलसीगढ़ निवासी कंतुबाई उससे 13 साल बड़ी है। नक्कालाल बिना शादी पिछले 12 साल से उसके साथ लिव इन रिलेशनशिप में रह रहा है।
8 वर्ष पहले गिर्वा तहसील की फोफटी गांव की पुनकी से प्यार कर बैठा और उसे भी अपने साथ घर ले आया । पुनकी भी दिव्यांग है। इसके बाद कंतुबाई व पुनकी दोनों ही नक्कालाल के साथ रह रही हैं। कंतुबाई और पुनकी दोनों से ही संतान नहीं होने पर पिछले साल नक्कालाल अपने से पांच साल छोटी साली 27 वर्षीय रेखा को भी साथ ले आया। इसके बाद से वह तीनों के साथ रहने लगा। रेखा के गर्भवती होने पर नक्कालाल ने विवाह करने की सोची। गुरूवार को उसने अपनी तीनों लिव इन पार्टनर से अपने घर पर ही नाते-रिश्तेदारों की मौजूदगी में एक ही मंडप के नीचे शादी कर ली।
आदिवासियों में है लिव इन रिलेशनशिप का प्रचलन
लिव इन रिलेशनशिप का प्रचलन केवल पाश्चात्य देशों में ही नहीं, बल्कि आदिवासी समुदाय में भी काफी है। राजस्थान के बांसवाड़ा,डूंगरपुर और उदयपुर जिलों में भी काफी बड़ा हिस्सा आदिवासी बहुलता वाला है। ऐसे में यहां भी आदिवासियों में ये परंपरा लंबे समय से चल रही है। यहां कई साल तक लिव इन रिलेशनशिप में रहने के बाद शादी करने की परंपरा है।