Rajasthan Cricket Association के घमासान ने भाजपा को दिया बड़ा मुद्दा
Rajasthan Cricket Association. राजस्थान क्रिकेट संघ के घमासान ने इस बार भाजपा को बड़ा मुद्दा दे दिया है।
मनीष गोधा, जयपुर। राजस्थान में हाल में राजस्थान क्रिकेट संघ के चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी में ऊपरी स्तर पर जिस तरह का घमासान हुआ, उससे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बहुत खुश है। इस पूरे घटनाक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ जाट नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी के साथ हुए व्यवहार को भाजपा 21 अक्टूबर को होने वाले दो विधानसभा सीटों के उपचुनाव में बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी कर रही है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया लगातार इस मामले में बयानबाजी कर रहे हैं और मुख्यमंत्री पर अपने बेटे की तरफदारी का आरोप लगा रहे हैं।
राजस्थान में 21 अक्टूबर को नागौर जिले की खींवसर और झुंझुनूं जिले की मंडावा सीट पर उपचुनाव होना है। ये दोनों सीटें जाट बाहुल्य मतदाताओं की हैं। खींवसर में कांग्रेस पिछले तीन चुनाव से और मंडावा में पिछले दो चुनाव से नहीं जीती है। इस बार उपचुनाव के दौरान पार्टी प्रदेश में सत्ता में है, ऐसे में माना जा रहा था कि दोनों सीटों पर पार्टी को सत्ता में होने का लाभ मिल सकता है, लेकिन हाल में राजस्थान क्रिकेट संघ के चुनाव में कांग्रेस के बीच बड़े नेताओं का टकराव खुलकर सामने आया। रामेश्वर डूडी राजस्थान क्रिकेट संघ के अध्यक्ष का चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन सामने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव थे।
डूडी नागौर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष है। राज्य क्रिकेट संघ के चुनाव में न सिर्फ उनकी उम्मीदवारी खारिज की गई बल्कि वो वोट भी नहीं दे पाए, क्योकि नागौर जिला क्रिकेट संघ को यहां के पूर्व अध्यक्ष और आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी के कारण मान्यता नहीं दी गई है। ऐसे मे डूडी जब नामांकन के लिए जा रहे थे, उन्हें और उनके समर्थकों को पुलिस बल द्वारा रोकने का प्रयास किया गया। डूडी ने उस दिन अपने साथ हुए व्यवहार के लिए मुख्यमंत्री गहलोत पर पुत्रमोह में धृतराष्ट्र होने तक का आरोप लगा दिया था।
जाट रहते हैं गहलोत से नाराज
राजस्थान में जाट समुदाय यूं तो कांगे्रस का परंपरागत मतदाता माना जाता है, लेकिन जाट समुदाय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से नाराज रहता है। जाट यह मानते हैं कि 1998 में गहलोत के कारण ही जाटों के वरिष्ठ नेता परसराम मदेरणा मुख्यमंत्री नहीं बन पाए थे। अब भाजपा जाटों की गहलोत से इसी नाराजगी को नए ढंग से भुनाने में जुट गई है। इसके लिए सबसे पहले भाजपा की सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने अपने समर्थकों को डूडी के सहयोग के लिए भेजा और सार्वजनिक तौर पर आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री गहलोत ने विधानसभा चुनाव में हरवाकर पहले डूडी की राजनीतिक हत्या का प्रयास किया अैर अब बेटे के लिए डूडी को आरसीए में भी पीछे धकेला जा रहा है।
रामेश्वर डूडी के भाजपा में जाने की भी अटकलें
इस बीच, इस पूरे घटनाक्रम के बाद रामेश्वर डूडी के भाजपा में जाने की भी अटकलें लगाई जा रही हैं। हालांकि डूडी ने एक बयान में स्पष्ट किया कि वे कहीं नहीं जाएंगे, बल्कि पार्टी में रहकर ही अपने हक की लड़ाई लड़ेंगे।