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Rajasthan Cabinet Expansion: राजस्थान में गहलोत मंत्रिमंडल के विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर सुगबुगाहट

गहलोत आलाकमान के समक्ष तर्क दे रहे हैं कि यदि उप चुनाव और विधानसभा के बजट सत्र से पहले मंत्रिमंडल में विस्तार किया गया तो विधायकों की नाराजगी बढ़ सकती है। जिन विधायकों को मंत्रिमंडल अथवा राजनीतिक नियुक्तियों में जगह नहीं मिलेगी वे नाराज हो सकते हैं।

By PRITI JHAEdited By: Published: Tue, 02 Feb 2021 01:05 PM (IST)Updated: Tue, 02 Feb 2021 01:05 PM (IST)
Rajasthan Cabinet Expansion: राजस्थान में गहलोत मंत्रिमंडल के विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर सुगबुगाहट
राजस्थान में अशोक गहलोत मंत्रिमंडल के विस्तार

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर एक बार फिर सुगबुगाहट शुरू हुई है। कांग्रेस आलाकमान और प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं का प्रयास है कि 10 फरवरी से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र से पहले गहलोत मंत्रिमंडल का विस्तार करने के साथ ही राजनीतिक नियुक्तियों का काम शुरू कर दिया जाए।

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पार्टी आलाकमान चाहता है कि बजट सत्र से पहले पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे के दो से तीन विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाए। हालांकि सीएम गहलोत विधानसभा सत्र और चार सीटों होने होने वाले उप चुनाव से पहले मंत्रिमंडल में विस्तार करने के पक्ष में नही है। लेकिन आलाकमान लगातार दबाव बना रहा है। इसी लिहाज से कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश प्रभारी अजय माकन बुधवार को जयपुर में गहलोत, पायलट व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ बैठक करेंगे। माकन का प्रयास रहेगा कि सभी नेता मंत्रिमंडल विस्तार व राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर सहमत हो जाएं। पायलट तो पिछले तीन माह से लगातार पार्टी आलाकमान पर दबाव बना रहे हैं कि उनके समर्थक विधायकों व नेताओं को मंत्रिमंडल और राजनीतिक नियुक्तियों में स्थान दिया जाए।

पायलट की अपने समर्थक विधायकों के साथ हुई बगावत और फिर पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी व महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के दखल के बाद वापस लौटते समय यह तय हुआ था कि उनके समर्थकों को मंत्रिमंडल एवं राजनीतिक नियुक्तियों में उचित महत्व दिया जाएगा। ये दोनों काम जनवरी माह में पूरा करने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन गहलोत पायलट समर्थकों को सरकार में पद देने के पक्ष में नहीं है, ऐसे में वे लगातार मंत्रिमंडल विस्तार टाल रहे हैं।

गहलोत आलाकमान के समक्ष तर्क दे रहे हैं कि यदि उप चुनाव और विधानसभा के बजट सत्र से पहले मंत्रिमंडल में विस्तार किया गया तो विधायकों की नाराजगी बढ़ सकती है। जिन विधायकों को मंत्रिमंडल अथवा राजनीतिक नियुक्तियों में जगह नहीं मिलेगी वे नाराज हो सकते हैं। हालांकि आलाकमान शीघ्र यह काम पूरा करना चाहता है। इसी कारण से अजय माकन बुधवार को गहलोत, पायलट व डोटासरा के साथ बैठक करेंगे। उनका प्रयास रहेगा कि बजट सत्र से पहले सरकार में नियुक्तियों का काम पूरा हो जाए। 


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