Rajasthan Politics: अशोक गहलोत के आरोप पर धर्मेंद्र प्रधान बोले, सचिन पायलट से कभी-कभी हो जाती है राम-राम
Rajasthan Politics केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जयपुर में कहा कि सचिन पायलट कांग्रेसी नेता हैं। कभी-कभी उनसे राम-राम हो जाती है लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से घर की लड़ाई संभल नहीं रही इसलिए वे बेवजह दूसरों पर आरोप लगा रहे हैं।
जयपुर, जागरण संवाददाता। Rajasthan Politics: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने जयपुर में रविवार को मीडिया से बात के दौरान राजस्थान में चल रहे राजनीतिक संकट को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में कोई सरकार नहीं है। बल्कि आपसी लड़ाई करने वाले लोगों का सत्ता लोलुप समूह सरकार में बैठा है। जिनमें आपसी रंजिश है। प्रधान ने सचिन पायलट (Sachin Pilot) से भाजपा का किसी प्रकार का नाता नहीं है। उन्होंने कहा कि सचिन पायलट कांग्रेसी नेता हैं। कभी-कभी उनसे राम-राम हो जाती है, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) से घर की लड़ाई संभल नहीं रही, इसलिए वे बेवजह दूसरों पर आरोप लगा रहे हैं। गहलोत जो दूसरो पर आरोप लगा रहे हैं, वह पूरी तरह से गलत हैं।
गहलोत सरकार पर साधा निशाना
प्रधान ने साफ किया कि 2023 में होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ेगी। मोदी दुनिया का सबसे बड़ा चेहरा है। उन्होंने कहा कि पायलट भाजपा के कार्यकर्ता नहीं हैं। मैं गहलोत का भी सम्मान करता हूं, लेकिन उनके घर के झगड़े को छुपाने के लिए बेवजह मुझ पर आरोप लगा रहे हैं। जिससे नाच ना जाने आंगन ढेढ़ा वाली कहावत सही साबित हो रही है। दरअसल, गहलोत लगातार आरोप लगाते रहे हैं कि प्रधान ने उनकी सरकार गिराने की कोशिश की थी। प्रधान ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार के उलटे दिन प्रारंभ हो गए, जनता ने आगामी विधानसभा चुनाव में सरकार बदलने का मानस बना लिया है। एबीवी के अधिवेशन में प्रोफेसर यशवंतराव केलकर पुरस्कार से नंदकुमार पालवे को सम्मानित किया गया। सम्मेलन में सात देशों के करीब दो हजार प्रतिनिधि शामिल हुए हैं।
तो इतने हो जाएंगे शिक्षित
प्रधानमंत्री मोदी दुनिया का सबसे लोकप्रिय चेहरा है। प्रधान ने कहा कि विश्व में कई देश हैं, लेकिन अमेरिका भारत की ओर देख रहा है। विश्व की नई परिभाषा भारत को बनानी होगी। हमारे देश के नौजवानों में इतनी ताकत है। उन्होंने कहा कि देश में नई शिक्षा नीति का ढांचा बन गया है। हमें 130 करोड़ लोगों की चिंता करनी है। देश में 30 करोड़ बच्चे पढ़ रहे हैं। इनमें उच्च शिक्षा में चार करोड़ और स्कूली शिक्षा में 26 करोड़ बच्चे हैं। आज भी 20 करोड़ लोग शिक्षा से दूर हैं। नई शिक्षा नीति को बनाना आसान है, लेकिन लागू करना चुनौती है। जब मैं सुनता हूं कि किसी राज्य ने विरोध किया तो हंसी आती है। आज तकनीक का बोलबाला बढ़ रहा है, इससे आंखें नहीं मूंद सकते। जयपुर में अखिल भारतीय विघार्थी परिषद (एबीवीपी) के राष्ट्रीय अधिवेशन के समापन के मौके पर प्रधान ने कहा कि 50 साल आगे की बात सोचनी होगी, शुरुआत आज से ही करनी होगी। उन्होंने कहा कि यदि एबीवीपी का एक कार्यकर्ता किसी को पढ़ाने की जिम्मेदारी संभाल ले तो 45 लोग तो अपने आप ही शिक्षित हो जाएंगे।
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