Coronavirus: कोरोना के चलते आसाराम की रिहाई की मांग उठी
Coronavirus. अपने आश्रम की बालिका के यौन शोषण के जुर्म में आसाराम जोधपुर जेल में बंद है।
संवाद सूत्र, जोधपुर। Coronavirus. देश भर में कोरोना वायरस के प्रसार के बीच जेलों से कुछ बंदियों की रिहाई हो रही है, ताकि वहां भीड़ कम हो सके। इसी सिलसिले में अब सोशल मीडिया में आसाराम को रिहा करने की मांग भी उठने लगी है। वह अपने आश्रम की बालिका के यौन शोषण के जुर्म में जोधपुर जेल में बंद है। सोशल मीडिया में 'रिलीज आशारामजी बापू ऑन पैरोल ट्रेंड करना शुरू हो गया। इस हैशटैग के साथ आसाराम भक्त कह रहे हैं कि आसाराम को भी रिहा करना चाहिए। कुछ यूजर उनकी उम्र को देखते हुए संक्रमण के खतरे को मुद्दा बना रहे हैं।
उनका कहना है कि 60 से ज्यादा उम्र वालों को खतरा है और आसाराम की उम्र तो 85 साल है। ऐसे में हम मांग करते हैं कि आसाराम को पैरोल पर जेल से छुट्टी दी जाए। एक अन्य यूजर ने लिखा है कि सिर्फ विचाराधीन या सात साल से कम की सजा काट रहे कैदी ही नहीं , बल्कि 60 साल की उम्र से अधिक के सभी कैदियों को भी रिहा किया जाना चाहिए, वरना कोविड-19 की वजह से मरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ेगी।
गौरतलब है कि रिहाई की मांग को लेकर जोधपुर के केंद्रीय कारागृह में बंदियों ने बीते दिनों अनशन किया था। उसमें आसाराम भी शरीक हुआ था।
राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद दुष्कर्मी आसाराम का ऑडियो वायरल होने से हड़कंप मच गया था। इसमें वह कोरोना वायरस के मद्देनजर होली पर चायना के रंगों का इस्तेमाल नहीं करने की अपील कर रहा है। जेल प्रशासन ने ऑडियो वायरल होने की जांच शुरू कर दी है। ऑडियो टेप जारी होने से आसाराम एक बार फिर चर्चा में आ गया है। जेल प्रशासन अब यह पता लगा रहा है कि आसाराम ने ही ऑडियो किसी मोबाइल फोन से भेजा है या फिर लैंडलाइन फोन से सप्ताह में एक दिन घर वालों से बातचीत के दौरान यह रिकॉर्ड किया गया है।
ऑडियो संदेश में आसाराम ने कोरोना वायरस फैलने की वजह और उसके खतरे से बचने के लिए निंबोली खाने की सलाह भी दी है। पलाश के फूलों का भी ऑडियो में वर्णन किया गया था।