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Rajasthan Politics : पंजाब के घटनाक्रम के बाद राजस्थान के फैसलो में देरी संभव

कांग्रेस आलाकमान की प्राथमिकता अब पंजाब होगा। इसमें एक माह तक का समय लग सकता है। अभियान की समीक्षा करने के निर्देश दिए। देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी वाले राज्यों में राजस्थान दूसरे नंबर पर है। यहां बेरोजगारी की दर 26 फीसदी से अधिक। मनरेगा में बड़ी संख्‍या में महिलाएं।

By Vijay KumarEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 09:12 PM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 09:12 PM (IST)
Rajasthan Politics : पंजाब के घटनाक्रम के बाद राजस्थान के फैसलो में देरी संभव
सिद्धू के इस्तीफे के बाद राजस्थान के फैसले में अभी कुछ दिन का समय लग सकता है।

 नरेन्द्र शर्मा, जयपुर । पंजाब कांग्रेस के घटनाक्रम का असर राजस्थान की राजनीति पर भी हो सकता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच खींचतान चरम पर पहुंची तो पूर्व कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पायलट को दिल्ली बुलाकर एक सप्ताह में दो बार बात की। संगठन महामंत्री के.सी.वेणुगोपाल ने सीएम गहलोत को मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों का काम अक्टूबर में प्रारंभ करने के लिए कहा था। गहलोत को दिल्ली पहुंचने के लिए भी कहा गया। लेकिन अब गहलोत और पायलट दोनों ही खेमों के नेताओं का मानना है कि पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद से नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद राजस्थान के फैसले में अभी कुछ दिन का समय लग सकता है।

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पंजाब प्रकरण का निपटारा करेगा आलाकमान

कांग्रेस आलाकमान अब पहले पंजाब प्रकरण का निपटारा करेगा, उसके बाद राजस्थान के बारे में निर्णय लेगा। इस काम में एक माह तक का समय लग सकता है। सूत्रों के अनुसार प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने राज्य सत्ता और संगठन में बदलाव को लेकर पूरी कसरत कर ली थी। इस कसरत को राहुल गांधी की भी मंजूरी मिल गई थी। लेकिन अब माकन पंजाब संकट का समाधान निकालने में सक्रिय होंगे।

अभियान की समीक्षा करने के निर्देश दिए

हाल ही में पंजाब में मुख्यमंत्री बदलने को लेकर चले घटनाक्रम के दौरान माकन और राजस्थान के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने पर्यवेक्षक के रूप में भूमिका निभाई थी। चौधरी मंगलवार शाम दिल्ली पहुंच गए। इसी बीच गहलोत 2 अक्टूबर से जिलों का दौरा करने की तैयारी कर रहे हैं। गांधी जयंती से शुरू हो रहे प्रशासन गांवों के संग और प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान गहलोत जिलों में जाएंगे। उन्होंने मंत्रियों को भी अपने प्रभार और गृह जिलों में जाकर अभियान की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं।

बेरोजगारी में राजस्थान देश में दूसरे नंबर पर

देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी वाले राज्यों में राजस्थान दूसरे नंबर पर है। पहले नंबर पर हरियाणा है । राजस्थान में बेरोजगारी की दर 26 फीसदी से अधिक है,वहीं हरियाणा में 36 प्रतिशत है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआई) की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में 56 प्रतिशत स्नात्तक युवा बेरोजगार हैं। वहीं राष्ट्रीय स्तर पर यह दर 20 प्रतिशत है । महिला बेरोजगारी के मामले में राजस्थान देश में तीसरे स्थान पर है । हरियाणा में महिलाओं की बेरोजगारी की दर 79 प्रतिशत है,वहीं जम्मू-कश्मीर में यह 72 फीसदी है।

मनरेगा में बड़ी संख्या में महिलाएं मजदूरी करती हैं

राजस्थान में महिलाओं की बेरोजगारी की दर 65 प्रतिशत है। ग्रामीण महिलाओं की तुलना में शहरी महिलाओं की बेरोजगारी की दर ज्यादा है। राजस्थान में पुरुष बेरोजगारी की दर 21 और हरियाणा में यह 25 प्रतिशत है। गांवों में मनरेगा में बड़ी संख्या में महिलाएं मजदूरी करती हैं। राजस्थान के गांवों में महिलाओं की बेरोजगारी की दर शहरों में तुलना में कम होने का यही कारण है। मनरेगा के अतिरिक्त सरकारी निर्माण कार्यों में भी महिलाएं काफी संख्या में काम करती है। सीएमआई ने जिस समय अध्ययन किया, तब कोरोना काफी था। बेरोजगारी बढ़ने के पीछे भी यही बड़ा कारण माना जा रहा है।


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