Move to Jagran APP

Jaipur 2008 Blast: जयपुर बम धमाकों के चारों दोषियों को फांसी की सजा, 71 की ली थी जान

Jaipur 2008 Blast Case. 13 मई 2008 को गुलाबी नगरी में आठ जगहों पर सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। इनमें 71 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 185 घायल हुए थे।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 20 Dec 2019 01:15 PM (IST)Updated: Fri, 20 Dec 2019 07:33 PM (IST)
Jaipur 2008 Blast: जयपुर बम धमाकों के चारों दोषियों को फांसी की सजा, 71 की ली थी जान
Jaipur 2008 Blast: जयपुर बम धमाकों के चारों दोषियों को फांसी की सजा, 71 की ली थी जान

जयपुर, जागरण संवाददाता। Jaipur 2008 Blast Case. जयपुर बम धमाकों के चार दोषियों को 11 साल सात माह आठ दिन बाद शुक्रवार को फांसी की सजा सुनाई गई है। 13 मई, 2008 को हुए आठ बम धमाकों के मामलों की सुनवाई के लिए बनी विशेष कोर्ट के जज अजय कुमार शर्मा ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने माना कि चारों दोषियों सैफुर्रहमान अंसारी, मो. सैफ उर्फ कैरीऑन, मो. सरवर आजमी और मो. सलमान ने इंडियन मुजाहिद्दीन के अपने आकाओं के कहने पर जयपुर में बम विस्फोट की घटना को अंजाम दिया था। शाम 7:15 से 7:30 बजे हुए सीरियल बम विस्फोट में 71 लोगों की मौत हुई थी, वहीं 185 लोग घायल हुए थे।

loksabha election banner

जज ने मात्र 10 मिनट में अपना फैसला सुना दिया। सबसे पहले सैफुर्रहमान को फांसी की सजा सुनाई गई, उसके बाद सैफ उर्फ कैरीऑन को फांसी की सजा सुनाई और फिर जज ने कहा कि जो सजा इन दोनों को दी गई है. वही सजा शेष दो अन्य दोषियों को सुनाई जाती है। चारों को आईपीसी की धारा 120बी, 302, 307, 324, 326, 427, 121 ए, 124ए, 153ए और विस्फोट पदार्थ अधिनियम की धारा 3 ,विधि विरुद्ध क्रियाकलाप अधिनियम की धारा 13, 16, 16 (1ए) एवं 18 के तहत दोषी माना गया है।

कोर्ट ने माना कि चारों आतंकियों ने बम धमाकों की साजिश दिल्ली में रची थी। जज ने अपने फैसले में इंडियन मुजाहिदीन से लेकर देश में जेहादी मानसिकता के चलते किए गए ब्लास्ट को लेकर भी टप्पणी की है। इसके साथ ही मृतकों के परिजनों को सरकार की तरफ से दिए गए मुआवजे की जानकारी मांगी।

हाई कोर्ट में अपील करेंगे

वहीं, कोर्ट का फैसला आने के बाद दोषियों की पैरवी कर रहे न्यायमित्र पैकर फारुख ने कहा कि पूरे फैसले का अध्ययन करके हाईकोर्ट में अपील की जाएगी। उन्होंने कहा कि चारों को बम रखते हुए किसी ने नहीं देखा, इस आधार पर हम हाईकोर्ट में जाएंगे।

कुल आठ एफआइआर दर्ज हुई थी, सजा सुनते ही चेहरे लटक गए

इस मामले जयपुर के माणक चैक और कोतवाली पुलिस थानों में चार-चार एफआइआर दर्ज की गई थीं। बम धमाकों के बाद इस मामले की सुनवाई के लिए विशेष कोर्ट बनाई गई थी, जिसने लंबी सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनाया। सरकारी वकील ने बताया कि विभिन्न धाराओं में सुनाई गई सजा के तहत धारा 302 में मृत्युदंड और अधिकतम फांसी का प्रावधान है। इसके साथ ही धारा 307 में सात साल, 236 में चार साल,124 में तीन साल, धारा 121 और 124 ए में फांसी की सजा का प्रावधान है। विस्फोटक पदार्थ अधिनियम में उम्रकैद और 50 हजार रुपये का जुर्माने की सजा सुनाई गई है। विधि विरूद्ध क्रियाकलाप अधिनियम की धारा 16 (1ए) में फांसी की सजा का प्रावधान है।

सभी दोषियों को धारा 120 बी और 18 के तहत 50-50 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 1272 और आरोपित पक्ष की ओर से 24 गवाह पेश किए गए। चारों दोषी जब जेल से कोर्ट पहुंचे तो हल्की हंसी दिखा रहे थे, लेकिन जैसे ही जज ने फांसी की सजा सुनाई तो उनके चेहरे लटक गए। उसके बाद उन्होंने कोर्ट से वापस जेल जाने तक अपनी गर्दन ही नहीं उठाई।

इन्हें सुनाई गई फांसी की सजा

1. मुहम्मद सैफ उर्फ कैरीऑन, निवासी सरायमीर, आजमगढ़। दिसंबर 2008 में गिरफ्तारी हुई।

आरोप-गुलाबी नगरी में पहला बम धमाका इसी ने किया था। माणक चौक खंदा क्षेत्र में बम रखा। 

2. मुहम्मद सरवर आजमी, निवासी-चांद पट्टी, आजमगढ़। जनवरी 2009 में गिरफ्तारी। 

आरोप-चांदपोल हनुमान मंदिर के सामने बम रखा।

3. सैफुर उर्फ सैफुर्रहमान अंसारी, निवासी-आजमगढ़। अप्रैल 2009 में गिरफ्तारी। 

आरोप-फूल वालों का खंदा क्षेत्र में बम रखा।

4. मुहम्मद सलमान, निवासी- निजामाबाद, सरायमीर आजमगढ़। दिसंबर 2010 में गिरफ्तारी। 

आरोप-षड्यंत्र में शामिल, सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर के पास बम रखा।

गहलोत ने बम विस्फोट मामले में कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर बम ब्लास्ट मामले में चारों दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह सही निर्णय हुआ है। ऐसे लोगों को सबक मिलना चाहिए जो हिंसा में विश्वास रखते हैं, चाहे वो कोई भी हो। 

शहबाज मामले में हाईकोर्ट में अपील पर विचार

जयपुर बम धमाकों मामले में विशेष कोर्ट का फैसला आने के बाद राज्य सरकार संदेह का लाभ देते हुए बरी किए गए शहबाज हुसैन को लेकर हाईकोर्ट में अपील करने पर विचार कर रही है। सूत्रों के अनुसार शहबाज हुसैन को एसओजी ने पकड़ा था। बम धमाके 13 मई,2 008 को हुए थे,अगले दिन ईमेल दो टीवी चैनलों को भेजा गया। एसओजी की जांच में सामने आया कि यह मेल शहबाज हुसैन ने धमाकों की जिम्मेदारी इंडियन मुजाहिदीन द्वारा लेने की बात कही गई थी। कोर्ट ने उसे संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। इस कारण सरकार हाईकोर्ट में अपील करने पर विचार कर रही है।

महज 15 मिनट में दहल गया था गुलाबी शहर

गुलाबी शहर के नाम से पहचाने जाने वाले जयपुर शहर में 13 मई 2008 की शाम को 15 मिनट का मंजर खौफनाक था। इस समय में तीन से चार किलोमीटर क्षेत्र में जयपुर का ऐतिहासिक परकोटा क्षेत्र दहल गया था। खौफ के सौदागरों ने मंदिरों में आरती के लिए जा रहे लोगों, व्यस्त बाजारों में सड़क पर कारोबार करने वाले गरीब लोगों और उन मासूमों को निशाना बनाया, जो कभी सोच भी नहीं सकते थे कि जयपुर में ऐसा भी कुछ हो सकता है। इन धमाकों के बाद दो दिन तक जयपुर में कफ्र्यू रहा, लेकिन यह हटते ही शहर सामान्य हो गया और फिर पहले जैसे जोश के साथ रोजमर्रा की जिंदगी शुरू हो गई।

यूं एक के बाद एक हुए थे विस्फोट

1. पहला धमाका 13 मई 2008 की शाम करीब 7.20 बजे पहला बम धमाका ऐतिहासिक हवामहल के सामने खंदा माणक चौक में हुआ।

2. दूसरा धमाका शाम 7.25 बजे बड़ी चौपड़ के पास मनिहारों के खंदे में ताला चाबी वालों की दुकानों के पास हुआ।

3. तीसरा बम धमाका शाम करीब 7.30 बजे छोटी चौपड़ पर कोतवाली थाने के बाहर पार्किग में हुआ

4. चौथा बम धमाका भी शाम 7.30 बजे इसी समय दुकान नंबर 346 के सामने, त्रिपोलिया बाजार के पास हुआ।

5. पांचवां बम धमाका भी उसी वक्त चांदपोल बाजार स्थित हनुमान मंदिर के बाहर पार्किंग स्टैंड पर हुआ। यहां सर्वाधिक 25 लोगों की मौत हुई। लोग भगवान की आरती के लिए जा रहे थे।

6. छठा धमाका शाम 7.32 बजे जौहरी बाजार में पीतलियों के रास्ते की कार्नर पर नेशनल हैंडलूम के सामने हुआ।

7. सातवां बम धमाका शाम 7.35 बजे छोटी चौपड़ पर फूलों के खंदे में हुआ।

8. आठवां धमाका शाम 7.36 बजे जौहरी बाजार में सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर के बाहर हुआ।

नौवें बम में रात नौ बजे का सेट था टाइमर

जयपुर दहलाने की बड़ी साजिश के तहत नौ बम धमाकों की योजना थी। नौंवा बम चांदपोल बाजार में दुकान नंबर 17 के सामने एक गेस्ट हाउस के बाहर रखा गया था। इसमें रात नौ बजे का टाइमर सेट था, लेकिन 15 मिनट पहले बम निरोधक दस्ते ने इसे निष्कि्रय कर दिया था।

यह भी पढ़ेंः गुनहगारों को इन्होंने फांसी तक पहुंचाया, जेल में ऐसे बीती दोषियों की रात

यह भी पढ़ेंः जयपुर बम धमाकों के पीड़ितों की कहानी, उन्हीं की जुबानी

यह भी पढ़ेंः जयपुर बम धमाकों में पुलिस ने जिसे सबसे पहले पकड़ा था वही हो गया दोषमुक्त


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.