Rajasthan: मेवाड़ राजघराने के संपत्ति विवाद पर 38 साल बाद फैसला, सभी पक्षकारों को मिलेगा बराबर हक
Mewar royalty. फैसले के साथ अदालत ने कब्जेधारी अरविन्द सिंह मेवाड़ को राजघराने की किसी भी संपत्ति के व्यापारिक उपयोग पर भी रोक लगा दी है।
उदयपुर, संवाद सूत्र। Mewar royalty. राजस्थान में मेवाड़ राजघराने के बीच चल रहे संपत्ति विवाद को लेकर उदयपुर की अदालत ने 38 साल बाद बड़ा फैसला सुनाया है। जिसमें राजघराने की संपत्ति को अदालत ने संयुक्त हिंदू परिवार की संपत्ति मानते हुए प्रमुख वादी महेंद्र सिंह मेवाड़, बहन योगेश्वरी देवी, अनुज अरविन्द सिंह मेवाड़ तथा उनके दिवंगत पिता भगवत सिंह मेवाड़ के बीच चार बराबर हिस्सों में बांटने की डिक्री जारी की है। साथ ही, पूर्व में बेची संपत्ति तथा हस्तांतरित संपत्ति में भी महेंद्र सिंह मेवाड़ को हिस्सा देने की बात कही है। इसी फैसले के साथ अदालत ने कब्जेधारी अरविन्द सिंह मेवाड़ को राजघराने की किसी भी संपत्ति के व्यापारिक उपयोग पर भी रोक लगा दी है।
वादी महेंद्र सिंह मेवाड़ की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नरेंद्रसिंह कच्छवाहा ने बताया कि अभी तक फैसले की प्रति नहीं मिली है। फैसला साढ़े पांच सौ पृष्ठ से अधिक पन्नों का है। जिसे पढ़े जाने पर और भी स्थिति साफ होगी।
हालांकि फैसले में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि मेवाड़ राजघराने की जिस संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था, उस संपत्ति पर सभी पक्षकारों का बराबर हक है। यानी अब राजघराने की संपत्ति पर वादी महेंद्रसिंह मेवाड़ के साथ उनकी बहन योगेश्वरी देवी, अनुज अरविन्दसिंह मेवाड़ तथा पिता भगवत सिंह मेवाड़ का बराबर का यानी 25-25 फीसदी हिस्सेदारी होगी। अधिवक्ता कच्छवाहा ने पत्रकारों को बताया कि महेन्द्र सिंह मेवाड़ ने 38 साल पहले पूर्व महाराणा भगवत सिंह के जीवित रहते बंटवारे का दावा किया था। जिसमें मंगलवार को उक्त डिक्री जारी की गई है। अभी तक वादग्रस्त संपत्तियां अरविन्दसिंह मेवाड़ के पास मेवाड़ राजघराने की वादग्रस्त संपत्तियां पूर्व महाराणा भगवतसिंह मेवाड़ के छोटे बेटे अरविन्द सिंह मेवाड़ के पास हैं। जिसको लेकर अदालत ने आदेश में कहा है कि सभी वादग्रस्त सम्पत्तियां जो वर्तमान में अरविन्द सिंह मेवाड़ के कब्जे में हैं, उन पर वाणिज्यिक गतिविधियां संचालित हैं, उन पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी गई है।
शंभूनिवास पैलेस पर सभी का हक, चार-चार साल रह पाएंगे
मेवाड़ के महाराणाओं के अधिकृत आवास शंभू निवास पैलेस पर इस फैसले के बाद सभी वादी चार-चार साल रह पाएंगे। जिसमें पहला हक वादी महेंद्रसिंह मेवाड़ को मिलेगा। उसके बाद बहन तथा बाद में अरविन्दसिंह तथा पिता भगवतसिंह के पास रहेगा। जबकि अभी तक शंभूनिवास पैलेस में भगवतसिंह मेवाड़ की वसीयत के
निष्पादक की हैसियत से अरविंद सिंह मेवाड़ आज तक रह रहे हैं। गौरतलब है कि महाराणा भगवतसिंह की मौत 3 नवम्बर 1984 में हो गई थी।
महेंद्र सिंह मेवाड़ समर्थकों ने बांटी मिठाई, की आतिशबाजी
मेवाड़ राजघराने की संपत्ति विवाद के फैसले में महेंद्रङ्क्षसह मेवाड़ की जीत को लेकर मेवाड़ क्षत्रिय महासभा संस्थान उदयपुर, श्री राजपूत करणी सेना एवं बजरंग सेना मेवाड़ के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने मिठाई
बांटी तथा आतिशबाजी कर खुशियां मनाई। मेवाड़ क्षत्रिय महासभा संस्थान उदयपुर के जिलाध्यक्ष चंद्रवीर सिंह करेलिया, श्री राजपूत करणी सेना के प्रदेश उपाध्यक्ष कुलदीपसिंह ताल, जिलाध्यक्ष देवेन्द्र सिंह फलीचड़ा,
बजरंग सेना मेवाड़ के संस्थापक कमलेंद्र सिंह पंवार का कहना है कि अदालत के फैसले से यह प्रमाणित हुआ है कि सत्य कभी पराजित नहीं होता। मेवाड़ क्षत्रिय महासभा के कोषाध्यक्ष राम सिंह देवड़ा, श्री राजपूत करणी सेना
के कुलदीप सिंह पारडी बजरंग सेना मेवाड़ के संभाग प्रभारी करणवीर सिंह राठौड़, जिलाध्यक्ष शिव सिंह सोलंकी सहित कार्यकर्ताओं ने फैसले का स्वागत करते हुए मिठाइयां बांटी।