राजस्थान में अंधविश्वास की भेंट चढ़ी छह माह की बच्ची
From blind. राजस्थान में अंधविश्वास में छह माह की बच्ची की जान चली गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के बारां जिले में गुरुवार को छह माह की एक मासूम बच्ची अंधविश्वास की भेंट चढ़ गई। बारां जिले के मदनाखेड़ी गांव में जादू-टोना करने वाले (भोपे) ने छह माह की बच्ची पर लाठी से वार कर दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। अंधविश्वास के चलते परिजनों ने अभी तक इस संबंध में कोई मामला दर्ज नहीं कराया है।
जानकारी के अनुसार, घटना मदनाखेड़ी गांव में हुई। यहां जादू-टोना करने वाले गंगाराम भील खुद में देवता आने (अंधविश्वास) की बात कहकर ग्रामीण करण भील के घर पहुंचा। उस समय करण भील की गोद में उसकी छह माह की मासूम भतीजी थी। उसी दौरान गंगाराम ने करण पर लाठी से वार किया, लेकिन वह सीधा मासूम बच्ची के सिर में जाकर लगा, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
बाद में परिजन उसे छबड़ा के सरकारी अस्पताल में लेकर गए। वहां चिकित्सकों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद भोपा गंगाराम भील गांव से फरार हो गया। बच्ची के परिजनों ने पुलिस में मुकदमा दर्ज नहीं कराया, हालांकि ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी है।
क्रूरता की हद पार कर जाते हैं भोपे
दरअसल, प्रदेश के कोटा, बारां और भीलवाड़ा जिलों में भोपे बीमारियां ठीक करने के नाम पर झाड़-फूंक करते हैं। अंधविश्वास में जकड़े लोग इनका सम्मान करते है। झाड़-फूंक के नाम पर ये भोपा मासूम बच्चों को गर्म चिमटे से जगह-जगह से दाग देते हैं, लेकिन परिजन अंधविश्वास के चलते उफ तक नहीं करते है। ये भोपा झाड़-फूंक तभी करते हैं, जब वे खुद में देवता (अंधविश्वास) आने की बात कहते हैं। इस दौरान ये भोपा अजीबो-गरीब हरकतें करने लगते हैं। पीड़ित के साथ मारपीट करना आम होता है। लोग भी अंधविश्वास के चलते उनका कोई विरोध नहीं करते हैं।
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