दरगाह दीवान बोले- राजसमंद हत्याकांड में तालिबानी आतंक की झलक
दरगाह दीवान ने एक बयान में कहा कि किसी व्यक्ति की बेरहमी से हत्या कर उसका लाइव विडियो बनाकर वायरल करना यह तालिबानी आतंक का जैसा है ।
जयपुर, [जागरण संवाददाता] । अजमेर स्थित विश्व प्रसिद्ध मोइनुद्दीन ख्वाजा साहब की दरगाह के दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन अली ने राजसमंद के लाइव मर्डर प्रकरण को तालिबानी आतंकी की झलक बताया है । दरगाह दीवान ने एक बयान में कहा कि किसी व्यक्ति की बेरहमी से हत्या कर उसका लाइव विडियो बनाकर वायरल करना यह तालिबानी आतंक का जैसा है ।
उन्होंने कहा कि इस निर्मम हत्या ने देश में नफरत का बीज बोने का काम किया है । इस प्रकार का कृत्य से धार्मिक भावनाएं भड़काने वाला है । उन्होंने हत्यारे शंभुलाल को कड़ी सजा की मांग करते हुए मृतक अफराजुल के परिजनों को 51 हजार रूपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है ।
यह राशि दरगाह ट्रस्ट की ओर से दी जाएगी । इधर करीब एक सप्ताह पूर्व राजसमंद में पश्चिम बंगाल निवासी अफराजुल की हत्या के आरोपी शंभुलाल रैगर ने पुलिस की पूछताछ में कई बड़े खुलासे किए है । आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह करीब दो माह से बर्बर हत्याकांड की प्लानिंग कर रहा था । हत्याकांड को कैसे अंजाम दिया जाए,इसके लिए अपराध से जुड़े विडियो देखने के साथ ही साहित्य भी पढ़ता था ।
वारदात को अंजाम देने के लिए शंभुलाल ने दो माह पूर्व ही लुहार से धारदार कुल्हाड़ी खरीदी थी । उसने राजसमंद के एक पेट्रोल पम्प से 100 रूपए का पेट्रोल अपने स्कूटर में डलवाने के साथ ही 50 रूपए का पेट्रोल एक बोतल में भरवाया था । शंभुलाल इनदिनों पुलिस के 10 दिन के रिमांड पर है । सोशल मीडिया पर शंभुलाल का समर्थन करने के आरोप में पुलिस ने उदयपुर के दो लोगों को गिरफ्तार किया है । इनमें एक गौरव गोरक्षा संस्थान का अघ्यक्ष पिंटू और दूसरा कैलाश शामिल है । उदयपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि दोनों ने फेसबुक और व्हाट्सएप पर शंभुलाल की हरकत का समर्थन किया था ।