हॉवित्जर तोप के परीक्षण के दौरान फटा गोला
अमेरिका के साथ भारत सरकार द्वारा किए गए समझौते के अनुसार 145 एम 777 हॉवित्जर तोप मिलने वाली है,इनमें प्रत्येक की कीमत 30 करोड़ रूपए है ।
जयपुर, [जागरण संवाददाता] । भारतीय सेना में तीन दशक बाद शामिल हो रही अमेरिका निर्मित अत्याधुनिक अल्ट्रा लाइट एम-777 हॉविज्तर तोप शामिल होने जा रही है । इन तोनों का परीक्षण पिछले तीन माह से राजस्थान में जैसलमेर जिले की पोकरण फायरिंग रेंज में चल रहा है ।
अत्याधुनिक बताई जाने वाली इन तोंपों के परीक्षण के दौरान तोप का गन बैरल फटने का मामला सामने आया है । सैन्य सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार परीक्षण के दौरान 2 सितम्बर को फायरिंग के दौरान एक देसी गोला अंदर ही कई बार टुकडों में बिखर कर बैरल से बाहर निकल गया । इस हादसे के कारण तोप की बैरल काफी क्षतिग्रस्त हो गई । इस हादसे में किसी जवान को चोट नहीं आई ।
हादसे के बाद अमेरिका और भारत के विशेषज्ञ जांच में जुटे हैं । स्वदेश निर्मित गोलों से की जा रही फायरिंग जांच पूरी होने तक रोक दी गई है । इस घटनाक्रम के बाद तोप के फेल होने को लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं । पूर्व सैन्य अधिकारियों का मानना है कि इस घटना से साफ नजर आता है कि या तो तोप गुणवता पर खरी नहीं उतर रही अथवा हमारे सैनिक इस तोप से ढंग से गोले दागने का प्रशिक्षण नहीं ले पाए ।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका के साथ भारत सरकार द्वारा किए गए समझौते के अनुसार 145 एम 777 हॉवित्जर तोप मिलने वाली है,इनमें प्रत्येक की कीमत 30 करोड़ रूपए है । इनमें से दो तोप मई माह में भारत आई और जून से पोकरण में परीक्षण चल रहा है । परीक्षण के दौरान ही 2 सितम्बर को तोप से भारतीय गोलों की क्षमता को परखा जा रहा था,इस बीच गन बैरल फट गया । सेना के अधिकारियों का कहना है कि अब तक हम बोफोर्स तोप का उपयोग कर रहे थे,लेकिन अब यह तोप अत्याधुनिक है । बोफोर्स तोप का वजन 11 टन था,जबकि इसका वजन उससे आधा ही है ।