Move to Jagran APP

राजस्थानः धोखाधड़ी के मामले में निजी बैंक के सीईओ को कोर्ट ने किया तलब

fraud case. राजस्थान के उदयपुर में धोखाधड़ी के मामले में निजी बैंक के सीईओ को कोर्ट ने तलब किया है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 22 Sep 2019 02:35 PM (IST)Updated: Sun, 22 Sep 2019 02:35 PM (IST)
राजस्थानः धोखाधड़ी के मामले में निजी बैंक के सीईओ को कोर्ट ने किया तलब
राजस्थानः धोखाधड़ी के मामले में निजी बैंक के सीईओ को कोर्ट ने किया तलब

संवाद सूत्र, उदयपुर। उदयपुर की एक अदालत ने आइसीआइसीआइ प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस के तत्कालीन सीईओ (वर्तमान में आइसीआइसीआइ बैंक के सीईओ) संदीप बख्शी, आइसीआइसीआइ प्रूडेंशियल लाइफ इंश्यारेंस की वाइस प्रेसीडेंट सुधा शर्मा और क्षेत्रीय प्रबंधक रोहित सैनी को जमानती वारंट जारी कर तलब किया है। सभी को आठ नवंबर को अदालत में पेश होने के लिए कहा गया है। अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट उदयपुर शहर दक्षिण ने इनके खिलाफ धारा 193, 420, 500 और 120बी के तहत प्रसंज्ञान लेते हुए वारंट जारी किए हैं।

loksabha election banner

यह मामला 2016 का है, जिसमें उदयपुर के नितिन बालचंदानी के खिलाफ आइसीआइसीआइ प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस की ओर से धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया था। बालचंदानी पूर्व में इसी कंपनी का कर्मचारी था और जुलाई 2012 में त्यागपत्र देने के बाद उसने अपनी कंसल्टेंसी कंपनी 'माय सॉल्यूशन-माय वे' खोली और बीमा कंपनियों के धोखाधड़ी के मामले में लोगों को सेवाएं देने लगा। इसी दौरान उसने एक मामले में अपनी पूर्व कंपनी से जानकारी मांगी, जिससे कंपनी के अधिकारी बालचंदानी से नाराज हो गए। बालचंदानी ने 23 नवंबर 2015 को आइसीआइसीआइ गु्रप द्वारा किए जा रहे धोखे की शिकायत एक व्हिसल ब्लोअर के रूप में भेजी तथा उनके चेयरपर्सन और चीफ विजिलेंस ऑफिसर आइआरडीएआइ को कार्यवाही के लिए भेजा।

इस पर आइसीआइसीआइ ग्रुप के अधिकारियों की 19 फरवरी 2016 को बैठक बुलाई गई, जिसमें बालचंदानी के कृत्य को सामाजिक तौर पर प्रताडि़त किए जाने वाला बताते हुए एक अप्रैल 2016 को उसके खिलाफ कंपनी का डाटा चुराने को लेकर भूपालपुरा थाने में शिकायत दर्ज करा दी गई। थाने के जांच अधिकारी ने 30 अप्रैल को एफआइआर में फॉल्स रिपोर्ट अदालत में पेश की। इसके बाद बालचंदानी ने कंपनी के अवैध तरीके से पॉलिसी बेचे जाने के खिलाफ जोधपुर हाई कोर्ट में जनहित याचिका लगाई। किंतु भूपालपुरा के तत्कालीन थानाधिकारी चांदमल सिंगारिया ने बालचंदानी के खिलाफ आइपीसी की धारा 420 और आइटी एक्ट की धारा 66 के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया।

बालचंदानी ने इसे कोर्ट में चुनौती दी और हाई कोर्ट ने उसके खिलाफ थाना में दर्ज मामले को खारिज कर दिया। हाई कोर्ट के आदेश पर इस मामले की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोपाल स्वरूप मेवाड़ा को सौंपी गई, जिन्होंने माना कि आइसीआइसीआइ और उसके अधिकारियों ने भूपालपुरा थाने में बालचंदानी के खिलाफ दुर्भावना से ग्रसित होकर एफआइआर करवाई थी। अब कोर्ट ने आरोपितों को जमानती वारंट से तलब किया है।

राजस्थान की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.