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चार साल की बच्ची से दुष्कर्म कर हत्या करने वाले को फांसी की सजा

Alwar District Court. बच्ची से दुष्कर्म के मामले में अलवर कोर्ट ने राजकुमार उर्फ धर्मेंद्र को फांसी की सजा सुनाई है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 13 Jun 2019 01:15 PM (IST)Updated: Thu, 13 Jun 2019 02:03 PM (IST)
चार साल की बच्ची से दुष्कर्म कर हत्या करने वाले को फांसी की सजा
चार साल की बच्ची से दुष्कर्म कर हत्या करने वाले को फांसी की सजा

जयपुर, जेएनएन। राजस्थान के अलवर में चार साल की बच्ची दुष्कर्म के बाद पत्थर से कुचल कर हत्या करने वाले को अलवर की की विशिष्ट न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट ने बुधवार फांसी की सजा सुनाई है। न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा है कि यह साधारण मामला नही है।

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विशिष्ट लोक अभियोजक विनोद कुमार शर्मा ने बताया कि आरोपित धर्मेंद्र उर्फ राजकुमार पुत्र अभय सिंह निवासी रिवाली बहरोड़ ने एक फरवरी, 2015 को इस घटना को अंजाम दिया था। बच्ची करीब चार वर्ष उम्र की थी। राजकुमार उसे टॉफी देने के बहाने खंडहरनुमा मकान में ले गया। जहां पहले उसने मासूम से दुष्कर्म किया और उसके बाद उसका सिर पत्थर से कुचलकर उसकी हत्या कर दी।

मासूम से दुष्कर्म और हत्या के इस मामले में अलवर के पॉक्सो न्यायालय के न्यायाधीश अजय शर्मा ने फैसला सुनाते हुए धर्मेंद्र उर्फ राजकुमार को धारा 302, 376 और पॉक्सो एक्ट के तहत फांसी की सजा सुनाई। कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त द्वारा किया गया अपराध अत्यधिक क्रूर और समाज को झकझोर देने वाला है। कोर्ट न माना कि अपराध को करने का तरीका अत्यंत बर्बर और पशुतापूर्ण था। कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त ने जिस तरह से राक्षस बन कर पीड़िता से अपराध किया वह कल्पना से परे है। पत्थर दिल आदमी तक की आत्मा कांप सकती है। अभियुक्त ने पीड़िता को अत्यंत दर्दनाक और तकलीफदेह मौत दी। अभियुक्त का आचरण पूर्व में भी खराब रहा है। यह कोई साधारण प्रकरण नहीं है।

कोर्ट ने कहा कि यह अपराध सड़क पर चलती रोडवेज में की गई हत्या नहीं। बल्कि मासूम पीड़िता की क्रूर तरीके से दुष्कर्म और जघन्य हत्या का मामला है। न्यायालय को समाज में फैले हुए रोष और नाराजगी को भी देखना है। ऐसे जघन्य अपराधों में न्यायालय आंख पर पट्टी बांधकर नहीं बैठ सकता और असामाजिक तत्वों और अपराधियों को जो इस प्रकार के अपराध करने की सोच रहे हो, उनको सख्त संदेश देना न्यायालय का जिम्मेदारी है।

 

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