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कोर्ट ने पहलू खान मामले की जांच दोबारा करने की अनुमति दी, पुलिस करेगी अब नए सिरे से जांच

अलवर के पुलिस अधीक्षक पारिस अनिल देशमुख ने बताया कि गो तस्करी के मामले में कुछ पहलुओं पर जांच आगे बढ़ाई जाएगी। कोर्ट ने पहलू खान मामले की जांच दोबारा करने की अनुमति दी।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 12 Jul 2019 03:42 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jul 2019 03:42 PM (IST)
कोर्ट ने पहलू खान मामले की जांच दोबारा करने की अनुमति दी, पुलिस करेगी अब नए सिरे से जांच
कोर्ट ने पहलू खान मामले की जांच दोबारा करने की अनुमति दी, पुलिस करेगी अब नए सिरे से जांच

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में अलवर जिले के बहरोड अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) कोर्ट ने चर्चित मामले में दोबारा जांच की अनुमति दे दी है। पुलिस ने चार दिन पहले कोर्ट में एक प्रार्थना-पत्र दायर कर मामले की दोबारा जांच कराने की अनुमति मांगी थी।

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पुलिस इस मामले में पहले कोर्ट में चार्जशीट पेश कर चुकी है। अब कोर्ट ने पहलू खान के दोनों बेटों इरशाद और आरिफ एवं ट्रक ऑपरेटर खान मोहम्मद के खिलाफ आगे जांच की अनुमति दे दी है। 27 महीने पहले मॉब लिंचिंग में मारे गए पहलू के बेटे इरशाद ने डीजीपी से नए सिरे से जांच की मांग की थी। सहायक लोक अभियोजक प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि एसीजेएम कोर्ट ने जांच की मांग से जुड़ी पुलिस की अर्जी मंजूर कर ली है।

मेव समाज का दबाव था

अलवर के पुलिस अधीक्षक पारिस अनिल देशमुख ने बताया कि गो तस्करी के मामले में कुछ पहलुओं पर जांच आगे बढ़ाई जाएगी। पहलू खान के बेटे ने बताया है कि वह अलवर के टपूकड़ा में जानवर बेचने जा रहा था, जबकि रिपोर्ट में हरियाणा जाना दर्शाया गया। ट्रक चालक ने दावा किया था कि उसने अपना वाहन घटना से पहले किसी को बेच दिया था।

उल्लेखनीय है कि इस मामले में पुलिस ने पहलू खान के बेटे इरशाद, आरिफ और ट्रक ऑपरेटर खान मोहम्मद के खिलाफ 24 मई को चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें सभी को राजस्थान गोवंश पशु अधिनियम, 1995 की धाराओं में आरोपित बनाया गया।

पहले यह बात सामने आई थी कि इस चार्जशीट में पहलू खान को भी गो तस्करी का आरोपी बनाया गया। हालांकि बाद में पुलिस ने साफ किया कि मौत के बाद पहलू का नाम आरोपपत्र से हटाया था।पिछली भाजपा सरकार के समय हुई जांच और कोर्ट में पेश की गई चार्जशीट से पहले खान के दोनों बेटों एवं मेव मसाज ने दोबारा जांच की मांग की थी।

इस प्रकरण में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि मामले की जांच 2017-18 में पिछली सरकार के अंतर्गत हुई थी। आरिफ, इरशाद और खान मोहम्मद का नाम दिसंबर 2018 में चार्जशीट दाखिल करते वक्त नहीं था। हालांकि, हमारी सरकार देखेगी कि इस मामले में जांच पूर्वनिधारित इरादे से तो नहीं की गई। इससे पहले गहलोत ने कहा था कि जांच भाजपा सरकार में हुई है, अब इसमें कोई गड़बड़ी मिली तो दोबारा जांच होगी।

यह है मामला

अलवर में जयपुर-दिल्ली राजमार्ग पर 1 अप्रैल 2017 को भीड़ ने गो तस्करी के शक में पहलू खान को पीटा था। खान अपने बेटों के साथ जयपुर के एक मेले से मवेशियों को खरीद कर हरियाणा के नूह स्थित अपने घर ला रहा था। बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में क्रॉस एफआईआर दर्ज हुईं। एक एफआईआर में पहलू और उसके परिवार पर हमला करने वाली भीड़ को आरोपी बनाया गया है।

वहीं दूसरी एफआईआर पहलू खान और उसके परिवार के खिलाफ की गई है। इस एफआईआर में पहलू और उसके परिवार पर गो तस्करी का आरोप लगाया गया।  


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