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Rajasthan Local Body Elections 2019: नाम वापसी का समय पूरा, अब 26 को पार्षद चुनेंगे अध्यक्ष

Rajasthan Local Body Elections 2019. राजस्थान में 49 निकायों के पार्षदों के चुनाव के बाद अब निकाय अध्यक्षों के चुनाव के लिए नाम वापसी का समय शनिवार को खत्म हो गया।

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 24 Nov 2019 12:53 PM (IST)Updated: Sun, 24 Nov 2019 12:53 PM (IST)
Rajasthan Local Body Elections 2019: नाम वापसी का समय पूरा, अब 26 को पार्षद चुनेंगे अध्यक्ष
Rajasthan Local Body Elections 2019: नाम वापसी का समय पूरा, अब 26 को पार्षद चुनेंगे अध्यक्ष

जयपुर, जेएनएन। Rajasthan Local Body Elections 2019.  राजस्थान निकाय चुनाव में पार्षदों के बाद अध्यक्ष के चुनाव के लिए नाम वापस लेने का समय शनिवार को पूरा हो गया। कुल 32 लोगों ने नाम वापस लिए हैं। तीन निकाय रूपवास, मकराना और निंबाहेड़ा में निर्विरोध निर्वाचन हो गया है। अब 26 नवंबर को बाकी निकायों में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होगा। इस बीच, निकाय अध्यक्ष पद पर कब्जे के लिए पार्षदों को अपने पक्ष में करने की कवायद शनिवार को भी जारी रही।

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राजस्थान में 49 निकायों के पार्षदों के चुनाव के बाद अब निकाय अध्यक्षों के चुनाव के लिए नाम वापसी का समय शनिवार को खत्म हो गया। निकाय अध्यक्ष पद के लिए 155 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किए थे। इनमें से 16 उम्मीदवारों के नामांकन पत्र खारिज हो गए। 138 उम्मीदवारों के नामांकन पत्र सही पाए गए और 32 ने नाम वापस ले लिए। तीन निकायों में निर्विरोध चुनाव हो गया। ऐसे में अब 103 उम्मीदवार मैदान में हैं। अब जिन 46 निकायों में चुनाव होना है, उनमें से 37 में दो-दो उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है। बाकी जगह औसतन तीन से चार उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। सबसे ज्यादा पांच उम्मीदवार चूरू जिले के राजगढ़ निकाय में है। चार निकायों में पांच प्रत्याशी ऐसे भी हैं जो निर्वाचित पार्षद नहीं है लेकिन चुनाव लड़ रहे हैं।

गौरतलब है कि इस बार राजस्थान में जो पार्षद नहीं है, उन्हें भी अध्यक्ष का चुनाव लड़ने की छूट है। निकाय अध्यक्ष के इस चुनाव में कांग्रेस ने सभी 49 जगह और भाजपा ने 48 जगह उम्मीदवार खड़े किए हैं। ज्यादातर जगह मुकाबला दोनों दलों के प्रत्याशियों के बीच ही होने की संभावना है। इस चुनाव में निर्वाचित पार्षद वोट डालेंगे। यही कारण है कि दोनों दल अपने पार्षदों की घेराबंदी में लगे हुए हैं। यह सिलसिला चुनाव के बाद से ही चल रहा है और निकायों के आसपास के होटलों और रिसोर्ट में इन पार्षदों को रोका गया है। दोनों दलों के बड़े नेता इनकी निगरानी कर रहे हैं।

इसके बावजूद भी एक-दूसरे के दल में सेंधमारी के प्रयास किए जा रहे हैं। सबसे ज्यादा तवज्जो निर्दलियों को मिल रही है। कुल 49 में से 23 निकायों में सत्ता की चाबी निर्दलियों के हाथ में है। तीन जगह निर्विरोध चुनाव, एक भाजपा, दो कांग्रेस के पास- इस बीच नागौर जिले की मकराना, भरतपुर की रूपवास और चित्तौड़गढ़ के निंबाहेड़ो निकाय में निर्विरोध चुनाव हो गया है। इनमें से रूपवास में भाजपा की बबीता देवी और निंबाहेड़ा में कांग्रेस के सुभाषचंद्र तथा मकराना में कांग्रेस पार्टी की ही समरीन निर्विरोध अध्यक्ष बन गई हैं।

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