सात सौ किलोमीटर पैदल चल नासिक से चित्तौडग़ढ़ पहुंचे पांच दोस्त, रास्ते में कहीं जांच नहीं
कोरोना संक्रमण (कोविड-19) के बाद देश भर में जारी लॉक डाउन के दौरान यातायात के सभी साधन बंद हैं। ऐसे में कई लोग पैदल ही अपने गंतव्य की ओर निकल पड़े थे।
सुभाष शर्मा, उदयपुर। कोरोना संक्रमण (कोविड-19) के बाद देश भर में जारी लॉक डाउन के दौरान यातायात के सभी साधन बंद हैं। ऐसे में कई लोग पैदल ही अपने गंतव्य की ओर निकल पड़े थे। इनमें से कई लोगों ने सैकड़ों किलोमीटर का सफर पैदल ही तय किया। इनमें चित्तौडग़ढ़ जिले के पांच दोस्त भी शामिल हैं, जो सात सौ किलोमीटर का सफर पैदल ही तय करने के बाद चित्तौडग़ढ़ पहुंचे। इस बीच उनकी कहीं भी स्क्रीनिंग नहीं हुई।
सोमवार को चित्तौडग़ढ़ पहुंचने पर पुलिस की पड़ताल के बाद उनकी स्क्रीनिंग की गई तथा जिले के सांवलियाजी अस्पताल में के लिए ले जाया गया। वहां कोरोना संक्रमण को लेकर उनका नमूना लिया गया और जांच के लिए उदयपुर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज की लैब को भेजा गया। इन युवकों में एक चित्तौडग़ढ़ का जबकि चार रावतभाटा के रहने वाले हैं।
मिली जानकारी के अनुसार चित्तौडग़ढ़ के उपरला पाड़ा निवासी दिनेश भील, रावतभाटा निवासी लाला भील, राजू भील, विनोद भील और कालू भील सोमवार दोपहर चित्तौडग़ढ़ पहुंचे। चामटीखेड़ा चौराहे से गुजरते समय उन पर पुलिस की नजर पड़ी। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वह एक अप्रेल को नासिक से रवाना हुए थे। यातायात के किसी तरह का वाहन नहीं मिलने पर सभी ने पैदल चलने की योजना बनाई और निकल पड़े। सात सौ किलोमीटर का सफर छह दिन में पूरा करने के बाद वह सोमवार दोपहर चित्तौडग़ढ़ पहुंचे।
उन्होंने बताया कि वह कुआं निर्माण का काम करते हैं और लॉकडाउन के बाद काम बंद हो गया और उनके खाने-पीने की समस्या आने लगी। पुलिस की सूचना पर चिकित्सा विभाग की टीम आई और सभी को स्क्रीनिंग के लिए ले गई। जिले के सांवलिया अस्पताल में स्क्रीनिंग करने के साथ उन्हें चौदह दिन के लिए वहां के लिए रखा गया। उनके कोरोना संक्रमण को लेकर जांच भी की गई, जिसकी रिपोर्ट मंगलवार तक मिलने की संभावना है।