Coronavirus LockDown-4: 5 लाख से अधिक प्रवासी मजदूर राजस्थान पहुंचे, ट्रेनिंग और रोजगार की योजना तैयार
लॉकडाउन के चलते देश के विभिन्न राज्यों से मजदूरों का राजस्थान में पहुंचने का क्रम जारी है। बाहर से आने वाले मजदूरों को उनकी योग्यता के अनुसार विभिन्न कार्यों की ट्रेनिंग दी जाएगी।
जयपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के चलते देश के विभिन्न राज्यों से मजदूरों का राजस्थान में पहुंचने का क्रम जारी है। पैदल, निजी वाहनों, ट्रेन या फिर ट्रक से बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। प्रदेश में अब तक 5 लाख 66 हजार से अधिक मजदूर पहुंच चुके हैं। एक सप्ताह में सबसे अधिक श्रमिक महाराष्ट्र व गुजरात से आए हैं। इनमें गुजरात से 2 लाख 55 हजार 700, महाराष्ट्र से 1 लाख 60 हजार 123, मध्यप्रदेश से 29 हजार से अधिक, उत्तरप्रदेश से 12 हजार 100, पश्चिम बंगाल से 1759, पंजाब से 2042, हरियाणा से 10 हजार 287, उत्तराखंड से 2 हजार 270,बिहार से 738 व उड़ीसा से 426 एवं अन्य राज्यों से 100 से अधिक मजदूर यहां पहुंचे हैं।
श्रम मंत्री टीकाराम जुली ने बताया कि अन्य राज्यों से मजदूरों के आने का क्रम अभी जारी है। अब तक मिली सूचना के अनुसार करीब दो हजार मजदूर अन्य राज्यों से प्रदेश में आएंगे। इस तरह से करीब 6 लाख मजदूरों को रोजगार सहित अन्य आधारभूत सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि बाहर से आने वाले मजदूरों को उनकी योग्यता के अनुसार विभिन्न कार्यों की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके साथी फैक्ट्रियों में उन्हे नौकरी पर लगवाया जाएगा।
अंतरराज्यीय सीमा से ऐसे किया प्रवेश
राज्य सरकार ने पड़ौसी राज्यों की सीमा पर एंट्री पाइंट बनाया था। पिछले एक सप्ताह में गुजरात से सटे रतनपुर बॉर्डर से 1 लाख 41 हजार मजदूरों ने प्रदेश की सीमा में प्रवेश किया। इनमें से 95 हजार से अधिक गुजरात से आए और करीब 41 हजार महाराष्ट्र से यहां पहुंचे । इसी तरह गुजरात से सटे एक अन्य मावली बॉर्डर से 1 लाख 76 हजार के करीब लोग आए। इनमें से 93 हजार 500 से अधिक गुजरात से और 64 हजार 980 महाराष्ट्र से आए हैं। उत्तरप्रदेश व बिहार से आने वालों के लिए आगरा-भरतपुर बॉर्डर पर एंट्री पाइंट बनाया गया। यहां से करीब 3 हजार लोग आए। दिल्ली और हरियाणा की तरफ से आने वालों के लिए नीमराणा व भिवाड़ी में एंट्री पाइंट बनाया गया था।
स्थानीय मजदूरों को अब यहीं रखने पर जोर
सरकार ने तय किया है कि खादी ग्रामोघोग व लघु उधोग निगम के माध्यम से छोटा कर्ज दिलवाकर अन्य राज्यों से आने वाले मजदूरों को स्वरोजगार प्रारंभ करने में मदद की जाएगी। श्रम मंत्री ने बताया कि रियायतों के चलते प्रदेश में खादी एवं ग्रामोघोग से जुड़ी 1760 इकाईयों में उत्पादन शुरू हो चुका है। इन इकाईयों में करीब 9 हजार लोगों को रोजगार मिलने लगा है ।
उधर सरकार की पहल पर जयपुर के ज्वैलरी इंडस्ट्रीज से जुड़े लोगों ने मजदूरों को प्रशिक्षत कर अपने साथ काम पर लगाने की बात कही है। जयपुर की ज्वैलरी इंडस्ट्रीज में काम करने वाले पश्चिम बंगाल के कारीगरों के पलायन के बाद अचानक आए मजदूरों के संकट से उबरने के लिए अब अन्य राज्यों से आ रहे श्रमिकों को ज्वैलरी के काम में प्रशिक्षित कर यहीं लगाया जाएगा। जयपुर ज्वैलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गौरव जैन ने बताया कि अब प्रदेश के मजदूरों को प्रशिक्षित कर यहीं रखेंगे। इससे उन्हे भी अपना घर नहीं छोड़ना पड़ेगा और हमें भी काम करने वाले कारीगर मिल जाएंगे।